उदयपुर, 30 अगस्त। उदयपुर की विशिष्ट न्यायिक मजिस्ट्रेट (एन.आई. एक्ट केस) संख्या 6 की अदालत ने चेक अनादरण के एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए अभियुक्त को एक वर्ष के साधारण कारावास और 70 हजार रुपये बतौर क्षतिपूर्ति अदा करने का आदेश दिया है।
मामला परिवादी शोभा लाल पुत्र धनराज, निवासी सुथारो का मोहल्ला, लकड़वास, उदयपुर द्वारा अपने अधिवक्ता निशांत बागड़ी के माध्यम से दायर किया गया था। उन्होंने बताया कि अभियुक्त मांगीलाल पुत्र खेता, निवासी नेडिया की भागल, लकड़वास ने उन्हें भुगतान के लिए चेक दिया था, जो बैंक में प्रस्तुत करने पर अनादृत हो गया। इसके बाद परिवादी ने न्यायालय में परिवाद दायर किया।
अदालत में पेश सबूतों और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पीठासीन अधिकारी सुश्री शिखा शर्मा (आर.जे.एस.) ने अभियुक्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 138 (एन.आई. एक्ट) के अंतर्गत दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई। अदालत ने स्पष्ट किया कि अभियुक्त को एक साल का साधारण कारावास भुगतना होगा और साथ ही परिवादी को 70,000 रुपये का भुगतान करना अनिवार्य होगा।
यह फैसला चेक अनादरण मामलों में कठोर दृष्टिकोण अपनाने और आर्थिक अपराधों पर रोक लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
