डाॅ. कुमावत द्वारा कराये हास्य योगो का लोगों ने खूब लिया आनन्द
लाफ्टर डांस पर झूमे उदयपुरवासी
उदयपुर, 4 मई। विश्व हास्य दिवस के अवसर पर सहेलियों की बाड़ी ठहाकों की गूंज से सराबोर हो गई। हरियाली से घिरे इस ऐतिहासिक स्थल पर रविवार की सुबह ऐसा लगा मानो पूरा उदयपुर ‘लाफ्टरपुर’ में तब्दील हो गया हो। हजारों की संख्या में जुटे लोगों ने वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर डॉ. प्रदीप कुमावत द्वारा कराए गए 101 अनोखे लाफ्टर योगों का आनंद उठाया और जमकर ठहाके लगाए। नमस्ते लाफ्टर, क्रिकेट लाफ्टर, समोसा गरम लाफ्टर, बाहुबली लाफ्टर, भूत लाफ्टर, तौलिया लाफ्टर, सेल्फी लाफ्टर, मच्छर मारो लाफ्टर से लेकर भस्मासुर लाफ्टर तक, हर योग अपनी रचनात्मकता, ऊर्जा और हँसी के संगम से लोगों को गुदगुदाने के साथ-साथ स्वस्थ जीवनशैली की ओर प्रेरित करता रहा।
डॉ. कुमावत ने अपने संबोधन में बताया कि 15 मिनट का हास्य योग शरीर को उतनी ही ऑक्सीजन देता है जितना 1 घंटे का पारंपरिक योग, और यही कारण है कि यह तनाव मुक्ति, रक्त संचार और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में अत्यंत उपयोगी है। उन्होंने कहा कि हँसी केवल मनोरंजन नहीं बल्कि संपूर्ण योग है और “प्रसन्नचित परमानंद दर्शन” के माध्यम से ईश्वर को पाया जा सकता है।
कार्यक्रम संयोजक डॉ. शोभालाल ओदिच्य ने बताया कि डॉ. कुमावत ने हास्य योग के माध्यम से न केवल हँसी का उत्सव रचाया, बल्कि लोगों को लाफ्टर इंटेलिजेंस और स्माइल वेव जैसी अवधारणाओं से भी परिचित कराया।
कार्यक्रम में विभिन्न संस्थाओं, समाजों एवं संगठनों के प्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिनमें मनोज कुमावत, कमलेंद्र सिंह पवार, गजेंद्र जोधावत, अशोक जैन, भूपेंद्र सिंह भाटी, अरुण कोठारी, कांता कुमावत, शशांक टांक, प्रतीक कुमावत, संजय भटनागर, वीरेंद्र पालीवाल, ध्रुव कुमावत, नारायण चौबिसा, ललित गोस्वामी सहित अनेक गणमान्यजन शामिल थे।
इस अवसर पर “बेस्ट लाफ्टर” के बीस विशेष पुरस्कार भी विभिन्न श्रेणियों में प्रदान किए गए। सहेलियों की बाड़ी में उमड़ी जनलहर, लाफ्टर योग की ऊर्जा और ठहाकों की बौछारों ने यह सिद्ध कर दिया कि हँसी वास्तव में सबसे बड़ी दवा है और डॉ. कुमावत इसके सशक्त प्रेरक।
“हँसी के झरनों में नहाया आज पूरा उदयपुर”, “ठहाकों में छिपा है स्वस्थ जीवन का रहस्य” और “लाफ्टर इज़ द बेस्ट मेडिसिन – और डॉ. कुमावत हैं इसके मास्टर” जैसे जुमलों के साथ यह आयोजन सभी के चेहरों पर स्थायी मुस्कान छोड़ गया।
विश्व हास्य दिवस पर सहेलियों की बाड़ी में जमके लगे ठहाके
