श्रीकरणपुर में अब 25 नवंबर को वोटिंग नहीं, पिछले 3 चुनावों से 199 सीटों पर मतदान

जयपुर।  श्रीगंगानगर जिले के करणपुर से विधायक और कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कुन्नर (75) का दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया। कुन्नर ने एम्स में बुधवार सुबह 4 बजे अंतिम सांस ली। मंगलवार को उनके निधन का समाचार वायरल हो गया था मगर देर “ााम को उनके बेटे ने इसका खंडन किया था। कुन्नर को इसी सप्ताह ब्रेन अटैक के बाद पहले जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल और फिर दिल्ली के एम्स में भर्ती करवाया गया था। गुरमीत कुन्नर के निधन के बाद अब करणपुर सीट पर 25 नवंबर को वोटिंग नहीं होगी। इस सीट पर अब चुनाव आयोग बाद में चुनाव करवाएगा। प्रदेश में लगातार यह तीसरा चुनाव है जब सभी 200 सीटों पर एक साथ वोटिंग नहीं होगी।  इससे पहले 2013 में चूरू से बसपा उम्मीदवार का निधन होने के कारण, 2018 में रामगढ़ से एक उम्मीदवार का निधन होने के कारण 199 सीटों पर ही चुनाव हुए थे।
बेटे को टिकट दें तो मेरा पिंड छूटे
गुरमीत सिंह कुन्नर इस बार बेटे रूपेंद्र सिंह कुन्नर के लिए टिकट मांग रहे थे। कांग्रेस वॉर रूम में फीडबैक बैठकों के दौरान सितंबर में कुन्नर ने वरिष्ठ नेताओं से मिलकर बेटे को टिकट देने की मांग की थी। कुन्नर ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि बेटे को टिकट दे दें तो मेरा पिंड छूटे। श्रीकरणपुर में इतने साल तक दूसरा कोई दावेदार रहा ही नहीं, सब घिस गए।
दो बार बसपा उम्मीदवारों के निधन की वजह से बाद में हुए थे चुनाव
विधानसभा चुनावों में लगातार यह तीसरा मौका है जब एक साथ सभी 200 सीटों पर वोटिंग नहीं होगी। इससे पहले 2013 और 2018 में बसपा उम्मीदवारों के निधन की वजह से एक साथ चुनाव नहीं हुए। 2013 के विधानसभा चुनाव की वोटिंग से पहले चूरू से बसपा उम्मीदवार जेपी मेघवाल का निधन हो गया था, इसलिए चूरू में नई सरकार बनने के बाद वोटिंग हुई थी, इस चुनाव में राजेंद्र राठौड़ जीते थे। वहीं, 2018 में अलवर के रामगढ़ से बसपा उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह के निधन की वजह से चुनाव स्थगित हुआ। रामगढ़ सीट पर गहलोत सरकार बनने के बाद चुनाव हुआ जिसमें कांग्रेस उम्मीदवार सफिया जुबैर जीतीं।

By Udaipurviews

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