प्रदेशभर में 17 नवम्बर से 30 नवम्बर तक चलेगा एफसीएम पिंक ड्राइव
राजसमंद, 8 अक्टूबर। मातृ मृत्यु के प्रमुख कारण एनीमिया से निपटने के लिये चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग 17 से 30 नवम्बर तक एफसीएम पिंक ड्राइव अभियान शुरू करेगा। जिसके तहत एनीमिया से ग्रस्त गर्भवती महिलाओं को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, उपजिला चिकित्सालय एवं जिला चिकित्सालयो में एफसीएम इन्जेंक्शन लगाये जायेंगे। यह जानकारी जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुरेश मीणा ने स्वास्थ्य भवन में गर्भवती महिलाओं में एनीमिया प्रबंधन हेतु एफसीएम के प्रभावी उपयोग के लिये आयोजित चिकित्सा अधिकारीयों के प्रशिक्षण में दी।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2019-21 के आंकड़ो के अनुसार प्रदेश में प्रजनन आयु की लगभग 15 से 49 वर्श की युवतियों एवं महिलाओं में 54 प्रतिशत युवतियां एवं महिलायें एनीमिया से प्रभावित है। उन्होंने बताया कि गर्भावस्था में एनिमिया मां और शिशु के लिये घातक होता है। मां को अत्यधिक थकान, प्रसवोत्तर, अत्यधिक रक्तस्त्राव, संक्रमण का खतरा होता है वहीं शिशु का समय से पहले जन्म, कम वजन के साथ जन्म, तथा जन्म से ठीक पहले व बाद में शिशु की मृत्य का जोखिम बढ़ सकता है। इसलिये एफसीएम इंजेक्शन से गर्भवती महिला में एनिमिया प्रबंधन से मातृ एवं शिशु मृत्य की रोकथाम में बड़ी मदद मिलेगी।
उन्होंने बताया कि एफसीएम इन्जेक्शन पूर्व में ही सभी चिकित्सा संस्थानो पर उपलब्ध है। इसकी उपयोगिता के लिये आशा एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से एनिमिया से ग्रस्त पात्र गर्भवती महिलाओं को चिन्हीत कर पीएचसी, सीएचसी, उपजिला एवं जिला चिकित्सालयों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दिन मोबिलाईज करायें तथा पात्र गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित करें। उन्होंने इसके उपयोग के लिये आवश्यक प्रोटोकॉल की पालना करने तथा निर्धारित समय पर फॉलोअप करने के लिये निर्देशित किया। उन्होंने एफसीएम इन्जेक्शन के बेहतर परिणामो का उल्लेख किया तथा बताया कि एफसीएम इन्जेक्शन से हिमोग्लोबिन का स्तर तेजी से बढ़ता है तथा उन्होंने सामान्य जोखिमो की भी जानकारी दी।
प्रशिक्षण में सीएमएचओ डॉ हेमन्त कुमार बिन्दल ने सभी चिकित्सा अधिकारी प्रभारीयों को निर्देशित किया की वे अपने सैक्टर में आशा एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को एफसीएफ इन्जेक्शन के लिये पात्र गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार करावें तथा लाभान्वित करें, उन्होंने कहा कि ब्लॉक व सेक्टर स्तर पर इसके लिये शीघ्र ही प्रशिक्षण का आयोजन करें तथा उनमें आशा,स्वास्थ्य कार्यकर्ता, स्टॉफ नर्स अन्य सम्बन्धित को अपनी – अपनी भुमिकाओं एवं जिम्मेदारी की जानकारी देवे।
इससे पूर्व स्त्री एवं प्रसुति रोग विशेषज्ञ डॉ हेमन्त शेखावत ने गर्भवती महिलाओं में एनिमिया की स्थिती, एनिमिया के कारण होने वाले खतरो, समुदाय एवं चिकित्सा संस्थान पर की जाने तैयारी को लेकर विस्तार से जानकारी दी। फिजिशियन डॉ बी.एल. कुमावत ने एफसीएम इन्जेक्शन के अप्रत्याशित प्रतिकूल प्रभावो ने निपटने की जानकारी दी तथा चिकित्सा संस्थानो पर आवश्यक दवाओं एवं उपकरणों के बारे में विस्तार से बताया। जिला नोडल अधिकारी विनित दवे ने एफसीएम इन्जेंक्शन की पीसीटीएस ऑनलाइन पोर्टल पर एन्ट्री करने हेतु विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर जिले के सभी खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी प्रभारी उपस्थित थे।
गर्भवती महिलाओं में एनीमिया की रोकथाम के लिये अब एफसीएम इन्जेंक्शन लगेंगे
