नि:शुल्क ऑपरेशन से नौ वर्षीय बच्ची को दौरों की समस्या से मिली निजात

उदयपुर 22 मार्च। मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से राज्य के हर परिवार को निशुल्क उपचार की सुविधा प्रदान करने का प्रयास राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। उदयपुर में भी प्रतिदिन सैंकड़ों मरीज इस योजना से जीवनदान पा रहे हैं।
ऐसी ही कहानी सलूंबर निवासी कमल कुमार जैन की नौ वर्षीय बच्ची की है जिसे इस योजना ने जीवनदान देने का काम किया। कमल कुमार जैन बताते हैं कि उनकी बच्ची को छह वर्ष की उम्र से ही दौरे आने की समस्या थी। इस पर उन्होंने कई चिकित्सकों को दिखाया किन्तु कोई उपचार नहीं हो सका। इसके पश्चात वे मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से सम्बद्ध निजी चिकित्सालय (गीतांजलि चिकित्सालय) पहुंचे जहां उन्हें न्यूरोलॉजिस्ट द्वारा बच्ची के ऑपरेशन की सलाह दी गई एवं ऑपरेशन की रिस्क भी समझाई गई।
चिकित्सकों की सलाह पर उन्होंने ऑपरेशन के लिए हामी भरी और फिर बच्ची का सफल ऑपरेशन टीम द्वारा किया गया। कमल जैन बताते हैं कि बच्ची ऑपरेशन के बाद से पूर्ण रूप से स्वस्थ है एवं कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाओं और निशुल्क उपचार की सुविधा के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि हर परिवार को चिरंजीवी योजना में पंजीयन अवश्य करना चाहिए।

सिर की गांठ का इलाज, जटिल ऑपरेशन से बचा ली चिकित्सकों ने भगा गायरी की जान
मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से प्रतिदिन राज्य के हजारों परिवार जीवनदान पा रहे हैं। इस योजना में दस लाख रुपए तक का उपचार निशुल्क किया जा रहा है एवं मरीज बिना रुपया खर्च किए स्वस्थ हो पा रहे हैं।
बांसवाड़ा जिले के घाटोल निवासी भगा गायरा बताते हैं कि उनके सिर में कई दिनों से तेज दर्द हो रहा था। इस पर उन्होंने  मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से जुड़े निजी चिकित्सालय (गीतांजलि चिकित्सालय) में चेक अप कराया। यहाँ उन्हें सिर में गांठ होने की शिकायत बताई गई और ऑपरेशन की सलाह दी गई। चिकित्सकों की सलाह पर मरीज यहाँ भर्ती हुआ और निशुल्क ‘ट्रांसफिनोईडल सर्जरी’ कर उसके सिर की गांठ निकाल दी गई। इस ऑपरेशन में कुल 59 हजार 400 रुपए का खर्च आया जिसका भुगतान मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से चिकित्सालय को किया गया।

मरीज का कहना है कि उपचार के बाद वह स्वस्थ है और निशुल्क उपचार के लिए वे राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने योजना में अब तक नहीं जुड़े परिवारों से भी आवश्यक रूप से इसमें पंजीयन कराने की अपील की है।
चिरंजीवी योजना में हूरमत बी की पथरी का हुआ निशुल्क इलाज
मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से सम्बद्ध चिकित्सालयों में आने वाले हर मरीज का निशुल्क उपचार सुनिश्चित किया जा रहा है। इस योजना से ठीक होने वाले मरीज भी स्वयं अपनी कहानी बयां कर रहे हैं।
प्रतापगढ़ निवासी रहीम बक्श बताते हैं कि उनकी पत्नी हूरमत बी पथरी की बीमारी से पीड़ित थी जिसके चलते उन्हें पेट में दर्द और पेशाब में जलन इत्यादि समस्याओं का सामना करना पड़ता था। इसके बाद वे अपनी पत्नी को उदयपुर स्थित मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से सम्बद्ध निजी चिकित्सालय (पैसिफिक हॉस्पिटल उमरडा) लेकर आए जहां मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना के तहत उनकी नि:शुल्क ‘यूटरोस्कोपी स्टोन रिमुवल विद लिथोट्रिसपी लोअर यूरेटर एंड अपर यूरेटर’ सर्जरी की गई। उपचार में कुल 25 हजार रुपए का खर्च आया जिसका भुगतान मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से चिकित्सालय को किया गया।
रहीम बताते हैं कि इलाज के बाद उनकी पत्नी का स्वास्थ अभी पूरी तरह से ठीक हैं। उन्होंने निशुल्क उपचार के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है और हर परिवार से इसका लाभ देने की अपील की है।
राजीविका ने बदली तकदीर: मुर्गीपालन से रेखा मीणा हुई आत्मनिर्भर
अब नियमित रूप से हो रही अच्छी आय
उदयपुर 22 मार्च। राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) से जुड़ कर कई महिलाएं अपना जीवन संवार रही हैं। राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परियोजना एक अंब्रेला योजना है जिसके अंतर्गत बहुत सारी योजनाएं राजस्थान सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं जो कि राजस्थान के ग्रामीण परिवेश में रहने वाली जनता को रोजगार की दिशा में लाभ प्रदान करती है।
जिले के नया गाँव पंचायत समिति क्षेत्र के ग्राम जायरा की निवासी रेखा मीणा पत्नी राजेन्द्र मीणा जब से राजीविका से जुड़ी है तब से मानों उसका जीवन ही बदल गया है। रेखा मीणा खुद को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाना चाहती थी और अपने परिवार के भरण पोषण में सहयोग करना चाहती थी। इस दौरान वह राजीविका के ग्राम संगठन ‘जय अम्बे’ के समूह ‘श्री गणेश’ से जुड़ी। कालांतर में वह क्लस्टर कॉर्डिनेटर बनी और काम शुरू किया। रेखा ने बताया कि राजीविका द्वारा समय समय पर उन्हें विभिन्न योजनाओं जैसे- नरेगा कन्वर्जेंस, उत्पादक समूह के माध्यम से बकरी पालन, कम ब्याज पर लोन आदि से लाभान्वित किया गया।
मुर्गीपालन से रेखा बनी स्वावलंबी
रेखा ने बताया कि जब उन्हें राजीविका सीएलएफ  के माध्यम से नई योजना आईपीपीपी की जानकारी हुई तो वह इससे जुड़ गई। योजना के अंतर्गत समूचे खेरवाड़ा एवं नयागांव ब्लॉक में  80 लाभार्थियों को चयनित करके इस योजना का लाभ दिलवाना शुरू किया गया जिसमें से रेखा एक थी। योजना के तहत रेखा को मुर्गी घर निर्माण के लिए 15 हजार रुपए की आर्थिक सहायता मिली एवं तकनीकी सहायक द्वारा समय-समय पर मार्गदर्शित करके तकमीने अनुसार 200 मुर्गियों को रखने लायक बड़ा मुर्गीघर बनाया। मुर्गीघर बनाने के उपरांत सीएलएफ द्वारा उन्हें प्रतापधन प्रजाति के 28 दिन आयु के 200 चूजे प्रदान किए गए। इन 200 चूजों में से 100 मुर्गे तथा 100 मुर्गियाँ थी।
अब नियमित रूप से हो रही आय
अंडे एवं मुर्गियों के विक्रय से उन्हे लगभग 41 हजार 720  रूपए की आय अर्जित हुईl इस राशि से उन्होंने नये 50 चूजे और खरीद लिए है। उन्होंने बताया कि राजीविका द्वारा उन्हें मुर्गा पालन हेतु उचित 3 दिवसीय  ट्रेनिंग भी दिलवाई गई एवं किसी भी प्रकार की तकनीकी सहायता के लिए एक एलएमपी को नियुक्त किया गया जो समय समय पर उनके घर आकर निशुल्क टीकाकरण करते है एवं विभिन्न प्रकार से होने वाली बीमारियों से मुर्गो की रक्षा करते है l समय-समय पर राजीविका एवं पंचायत समिति के आला अधिकारियो द्वारा भी उनके घर नियमित रूप से निरिक्षण किया गया एवं राजीविका में उनके द्वारा की गई मेहनत को सराहा। रेखा ने कहा है कि राजिविका द्वारा मेरी आजीविका संवर्धन में बहुत बड़ा योगदान दिया गया है जिसके लिए वे राज्य सरकार का आभार व्यक्त करती है।
By Udaipurviews

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