उच्च-स्तरीय खरीदार- विक्रेता बैठक के साथ राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन

अग्रणी कंपनियों ने राजीविका एसएचजी उद्यमों के साथ हस्ताक्षर किए समझौता ज्ञापन
उदयपुर, 13 नवंबर। राजीविका (राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद), ग्रामीण विकास विभाग, राजस्थान एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में उदयपुर में आयोजित तीन दिवसीय एग्रीकल्चर एंड लाइवस्टॉक एंटरप्रेन्योरशिप पर  तीन दिवसीय नेशनल कांफ्रेन्स का समापन गुरूवार को हुआ। कार्यशाला के समापन सत्र के रूप में आयोजित बॉयर-सेलर मीट ने एसएचजी उद्यमों, उत्पादक समूहों, किसान उत्पादक संगठनों और देशभर के प्रमुख संस्थागत खरीदारों के बीच प्रत्यक्ष बाजार संवाद के लिए एक अभूतपूर्व मंच तैयार किया।

राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) और ग्रामीण विकास मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित इस बैठक का उद्देश्य महिला संचालित ग्रामीण उद्यमों के लिए मूल्य श्रृंखला एकीकरण को मजबूत करना और सतत क्रय साझेदारी को प्रोत्साहित करना रहा। संयुक्त सचिव (ग्रामीण आजीविका), ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार  स्वाति शर्मा, राज्य मिशन निदेशक नेहा गिरि एवं प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, तमिलनाडु एसआरएलएम  आर.वी. शाजीवना की उपस्थिति में हुई बैठक में बाजार पहुँच एवं उद्यम विकास के लिए टीएन-एसआरएलएम द्वारा अपनाई गई प्रमुख रणनीतियों को साझा किया।

एसएचजी महिलाओं के लिए बाजार  पहुंच को सशक्त बनाने पर जोर
राजीविका द्वारा राजस्थान के 41 जिलों से बाजार-उपयुक्त उत्पादों का प्रदर्शन किया गया, जो मसाले, शहद, पशुधन उत्पाद, अनाज, प्राकृतिक खेती उत्पाद और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में संलग्न हजारों एसएचजी महिलाओं के कार्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। बॉयर-सेलर मीट में खाद्य, कृषि, मसाले, पशुधन, प्रसंस्करण और निर्यात क्षेत्रों की 25 से अधिक कंपनियाँ शामिल हुईं, जिन्होंने सामुदायिक संस्थानों के साथ संरचित संवाद स्थापित किए।  कई प्रमुख कंपनियों ने राजीविका के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिसमें एसएचजी उद्यमों से बड़े पैमाने पर क्रय की तत्परता व्यक्त की गई। ये प्रतिबद्धताएँ ग्रामीण उत्पादकों के लिए सुनिश्चित बाजारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
इस बैठक से प्रत्यक्ष विपणन चौनल स्थापित कर एसएचजी, पीजी एवं एफपीओ ने बिचौलियों को दरकिनार करते हुए सीधे खरीदारों से संबंध स्थापित हुए। राजस्थान के ग्रामीण उत्पाद अनाज, शहद, पशुधन नस्लें एवं प्राकृतिक खेती उत्पादों में उच्च मात्रा की खरीद में रुचि दिखाई। कई खरीदारों ने एसएचजी महिलाओं को खरीद, प्रसंस्करण और लॉजिस्टिक्स श्रृंखला में शामिल करने की तत्परता दिखाई। राष्ट्रीय स्तर के खरीदारों ने एसएचजी उत्पादों की गुणवत्ता, स्थिरता और विविधता की सराहना की।  25 से अधिक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशनों की भागीदारी से अंतर-राज्यीय सीख और सहयोग को बढ़ावा मिला।

By Udaipurviews

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