सैनिक परिवारों के लिए विधिक सहायता क्लिनिक का शुभारंभ
उदयपुर, 7 अगस्त। राजस्थान राज्य विधिक सेवा सेवा प्राधिकरण जयपुर के तत्वावधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष एवं डीजे ज्ञान प्रकाश गुप्ता के निर्देशों के क्रम में विषय “नालसा वीर परिवार सहायता योजना 2025” के तहत विधिक सहायता क्लिनिक स्थापित किया गया है ।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा भारत देश में कार्यरत एवं सेवानिवृत सैनिकों एवं उनके परिवार वालों के लिए “नालसा वीर परिवार सहायता योजना 2025” शुरू की है। इसके तहत उदयपुर में क्लिनिक का शुभारंभ प्राधिकरण सचिव एवं एडीजे कुलदीप शर्मा के आतिथ्य में किया गया। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी सेवानिवृत कर्नल कमलेन्द्र सिंह भाटी ने श्री शर्मा का स्वागत किया।
एडीजे श्री शर्मा ने अवगत कराया कि “नालसा वीर परिवार सहायता योजना 2025” का मुख्य उद्देश्य केन्द्रीय, राज्य एवं जिला सैनिक कल्याण बोर्डो में विधिक सेवा क्लिनिक की स्थापना करना ताकि देश की रक्षा करने वाले सैनिकों एव सेवानिवृत सैनिकों और उनके परिवारों को निःशुल्क विधिक सहायता मुहैया करवाई जा सके। उक्त विधिक सहायता क्लिनिक में सेवारत् एवं सेवानिवृत सैनिक जो राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण 1987 की धारा 12 के तहत पात्र है उनके पैतृक एवं स्वयं अर्जित सम्पति संबधित विवाद, पारिवारिक विवाद, वैवाहिक विवाद, भरण पोषण एवं बच्चों की कस्टडी संबधित विवाद, उपभोक्ता मामले, वित्तीय धोखाधडी के मामलों में सरंक्षा, उत्तराधिकार एवं विरासत से संबधित विवाद, राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलवाना, दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत पात्र व्यक्तियों को लाभ दिलवाया जाएगा ।
इस अवसर पर अनोप सिंह चौहान कल्याण संगठक, नवल सिंह राठौड सेवानिवृत सूबेदार, बसन्ती कुमारी मीणा वरिष्ठ सहायक, मोतीलाल भील सेवानिवृत हवलदार, किशन सिंह, अर्जुनलाल खराडी रेक्सो कॉऑर्डिनेटर उपस्थित रहे।
राजस्थान एम.एस.एम.ई पॉलिसी – 2024 से मिलेगी उद्योगों को नई ऊर्जा एवं गति
उदयपुर, 7 अगस्त। राजस्थान में औद्योगिक निवेशकों बढ़ावा देने तथा स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिये राज्य सरकार द्वारा राजस्थान एम.एस.एम.ई पॉलिसी- 2024 को लागू किया गया है। इस पॉलिसी के तहत उद्यमियों को कई तरह के लाभ देय हैं।
राजस्थान निवेश प्रोत्साहन-2024 योजना में पात्र इकाईयों को अतिरिक्त ब्याज अनुदान 5 करोड़ रू. तक 2 प्रतिशत, 5 करोड़ से 10 करोड़ तक 1 प्रतिशत एवं 10 करोड़ से 50 करोड़ रू0 तक 0.5 प्रतिशत देय है।सीजीटीएमएसई गारन्टी फीस पुर्न भरण के तहत 5 करोड़ रूपये तक के ऋण पर 100 प्रतिशत पुनर्भरण (07 वर्षों तक), एसएमई प्लेटफॉर्म से फण्ड रेजिंग में सहायता अंतर्गत लघु एवं मध्यम उद्यमों को एकमुश्त 15 लाख रू. की सहायता, टेक्नोलॉजी सॉफ्टवेयर अधिग्रहण पर सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को व्यय का 50 प्रतिशत की सहायता (अधिकतम 5 लाख रू.) की सहायता मनक प्रमाणन (बीआईएस,एफएसऐआई,आईपीआर) के तहत व्यय का 50 प्रतिशत पुनर्भरण सहायता (अधिकतम 3 लाख रू0), राष्ट्रीय-अन्तराष्ट्रीय मेला प्रदर्शनी, बायर-सेलर मिटमें मार्केटिंग सहायता के तहत राज्य में स्टॉल रेंट का 75 प्रतिशत (अधिकतम 37500 रू. 3 इवेन्ट प्रतिवर्ष), राज्य से बाहर स्टॉल रेंट का 75 प्रतिशत (अधिकतम 112500 रू. 02 इवेन्ट प्रतिवर्ष), विदेश में स्टॉल रेंट का 75 प्रतिशत (अधिकतम 150000 रू. 01 इवेन्ट प्रतिवर्ष), दो व्यक्तियों का 3 एसीट्रेन/एसी बस किराया एवं विदेशों हेतु हवाई जहाज इकॉनोमी क्लास का किराया देय होगा।
डिजिटलाई जेशन व ई-कॉमर्स सहायता के तहत पीओएस सिस्टम, बारकोड स्केनर, खरीद एवं ई-कॉमर्स प्लेट फार्म फीस का 75 प्रतिशत पुनर्भरण (अधिकतम 50000 रू. पुनर्भरण) आदि वन-स्टॉप समाधान के रूप में राज्य सरकार द्वारा इन्सेन्टिव दिया जाता है।
राजस्थान एम.एस.एम.ई पॉलिसी- 2024 देय इन्सेन्टिव उद्योगों के विकास में एकमील का
आईटीआई उदयपुर में शिक्षुता मेला 11 को
उदयपुर, 7 अगस्त। पीएम अप्रेंटिसशिप मेला कार्यक्रम के तहत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान उदयपुर में 11 अगस्त को सुबह 10 बजे शिक्षुता – अप्रेंटिसशिप मेला आयोजित होगा।
संस्थान के उपनिदेशक ने बताया कि शिक्षुता मेले में कौशल विकास एवं रोजगार के लिए छात्रों को एक प्लेट फार्म उपलब्ध होगा, वहीं दूसरी ओर प्रतिष्ठानों को प्रशिक्षित प्रशिक्षणार्थी का चयन करने में सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी। कार्यक्रम के दौरान अप्रेन्टिशिप पोर्टल की जानकारी दी जा कर छात्र व प्रतिष्ठान का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। उन्होंने जिले के सभी संस्था प्रधानों को पिछले तीन वर्ष में उत्तीर्ण छात्रों को सूचित कर उन्हे राजकीय आईटीआई उदयपुर में आयोजित होने वाले अप्रेन्टिशिप मेले में भाग लेने के लिए प्रेरित करने के निर्देश दिए। मेले में सभी प्रशिक्षणार्थी अपने डॉक्यूमेंट्स सहित उपस्थित होंगे।
डाइट में आकल्प एवं उपकरण निर्माण कार्यशाला
18 शोधार्थियों ने लिया शिक्षकीय अनुसंधान कार्य में हिस्सा
उदयपुर, 7 अगस्त। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) उदयपुर के प्रभाग के अन्तर्गत आयोजित चार दिवसीय डर्फ स्तरीय आकल्प एवं उपकरण निर्माण कार्यशाला का समापन गुरुवार को हुआ। प्रभागाध्यक्ष गायत्री जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यशाला में जिले के विभिन्न ब्लॉकों से आए 18 शोधार्थियों ने भाग लिया। कार्यशाला के दौरान शोधार्थियों द्वारा सर्वे अध्ययन, कियात्मक अनुसंधान एवं व्यक्तिवृत अध्ययन जैसे विषयों पर शोध की विधि और प्रविधियों के अनुरूप आकल्पों का निर्माण किया गया।
कार्यशाला में डाइट प्रिंसिपल शीला काहाल्या एवं उप प्राचार्य डॉ. ओम प्रकाश शर्मा द्वारा शोधार्थियों की अनुभूत समस्याओं से संबंधित विषयों के चयन पर गहन चर्चा की गई। कार्यशाला के अंतिम दिन प्रभारी अधिकारी अमृता जोशी ने चयनित शोध विषयों से संबंधित सर्वे व अनुसंधान उपकरणों के निर्माण पर सभी प्रतिभागियों के साथ संवाद कर उन्हें मार्गदर्शन प्रदान किया।कार्यशाला के माध्यम से शिक्षकों के शोधात्मक दृष्टिकोण को दिशा देने का प्रयास किया गया, जिससे भविष्य में शैक्षिक सुधारों में सकारात्मक योगदान मिल सकेगा।