उदयपुर, 25 अप्रैल। उदयपुर की सांस्कृतिक पहचान को और सशक्त करने के उद्देश्य से ‘सुरों की मंडली’ के संस्थापक मुकेश माधवानी ने शुक्रवार को उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत से भेंट की और शहर में संगीत संग्रहालय की स्थापना को लेकर अपनी मांग को दोहराया।
सुरों की मंडली के संस्थापक मुकेश माधवानी ने पत्र में उल्लेख किया कि उदयपुर की संगीत से जुड़ी विरासत को सहेजने और संवारने के लिए एक ऐसे संग्रहालय की आवश्यकता है, जहां संगीत से जुड़े पारंपरिक वाद्ययंत्रों की प्रदर्शनी हो, संगीत की शिक्षा दी जाए, कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित हों, साथ ही एक डिजिटल संगीत संग्रह भी उपलब्ध हो। यह संग्रहालय न केवल पर्यटकों के लिए एक नया आकर्षण बनेगा, बल्कि स्थानीय कलाकारों और युवाओं के लिए भी एक बड़ा मंच और अवसर प्रदान करेगा।
इस पर सांसद मन्नालाल रावत ने इस सुझाव को गंभीरता से लेते हुए तत्काल उदयपुर विकास प्राधिकरण (UDA) और पर्यटन विभाग, उदयपुर को इस संबंध में पत्र लिखने की बात कही। उन्होंने भरोसा दिलाया कि वे स्वयं इस विषय को मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के समक्ष उठाएंगे, ताकि इसे धरातल पर उतारा जा सके।
सांसद मन्नालाल रावत ने बताया कि यह पहल मेवाड़ की लोक कला, संगीत और सांस्कृतिक गरिमा को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंचाने का एक अभिनव प्रयास है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री और संबंधित विभागों के समक्ष मजबूती से रखेंगे।
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी मुकेश माधवानी ने इस मांग से सांसद को अवगत करवाया था, जिस पर उन्होंने तत्काल संज्ञान लेते हुए पर्यटन निदेशक को पत्र भेजा था और इस पहल को आगे बढ़ाने में सहयोग किया था। अब एक बार फिर उन्होंने इस मांग को दोहराते हुए प्रयासों को आगे बढ़ाया है।
मुकेश माधवानी ने बताया कि यह संग्रहालय संगीत की परंपरा को संरक्षित करेगा और उदयपुर के पर्यटन को एक नई दिशा देगा। साथ ही स्थानीय कलाकारों, शिल्पकारों और युवाओं के लिए नए रोज़गार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि फिलहाल किसी उपयुक्त सरकारी भवन में इस संग्रहालय की शुरुआत की जा सकती है।