समन्वयक कुलसचिव, एमपीयूएटी, उदयपुर श्री अशोक कुमार (आर.ए.एस.) एवं अधिष्ठाता, राजस्थान कृषि महाविद्यालय, डॉ. एम.के. महला ने संयुक्त व्यक्तव्य में बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कोटा विश्वविद्यालय के कुलगुरू एवं सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कार्यवाहक कुलगुरू डॉ. भगवती प्रसाद सारस्वत होंगे। विशिष्ट अतिथि एमपीयूएटी के पूर्व कुलगुरू रहे डॉ. वी.बी. सिंह, डॉ. एस.एल. मेहता, डॉ. यू.एस. शर्मा, डॉ. एन.एस. राठौड, डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक एवं डॉ. बी.एल. वर्मा होंगे। समारोह की अध्यक्षता एमपीयूएटी के नवनियुक्त कुलगुरू डॉ. प्रताप सिंह करेंगे।
इस मौके पर निदेशक अनुसंधान, डॉ. अरविन्द वर्मा विश्वविद्यालय की अब तक की प्रमुख उपलब्धियों का प्रस्तुतीकरण करेंगे। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी परिषद् के सदस्य, सभी डीन-डायरेक्टर, पूर्व प्रोफेसर एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं भाग लेंगे। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1955 में उदयपुर में राजस्थान कृषि महाविद्यालय की स्थापना हूई व 01 नवम्बर, 1999 से महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने पूरी तरह काम करना शुरू कर दिया।
एमपीयूएटी देश का एक श्रेष्ठ शिक्षण संस्थान है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 सत्र 2024-25 से यहां लागू हो गई।
कार्य क्षेत्रः दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व राजस्थान के 08 जिले-उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, राजसमंद, एवं सलूम्बर।
दो कृषि जलवायु क्षेत्रः उप-आर्द्र दक्षिणी मैदान और अरावली पहाड़ियाँ (जोन प्टं) एवं आर्द्र दक्षिणी मैदान (जोन प्टइ)।
संघटक महाविद्यालयः 07 (आरसीए, सीटीएई, सीडीएफटी, सीसीएएस, सीओएफ, सीओए, भीलवाड़ा और सीओए, डूंगरपुर)
संबद्ध महाविद्यालयः 11 (सरकारी), 02 (निजी)
कृषि अनुसंधान केन्द्रः 02 (उदयपुर एवं बांसवाड़ा)
कृषि अनुसंधान उप केंद्रः 02 (वल्लभनगर एवं प्रतापगढ़)
बारानी कृषि अनुसंधान केन्द्रः आरजिया, भीलवाड़ा
कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके)ः 08 (उदयपुर-द्वितीय, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद और शाहपुरा)
स्नातक पाठ्यक्रमः बी.एससी. (ऑनर्स) कृषि, बी.एससी. (ऑनर्स) सामुदायिक विज्ञान, बी.एससी. (ऑनर्स) खाद्य पोषण एवं आहार विज्ञान, बी.टेक. (कृषि अभियांत्रिकी/कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी/विद्युत अभियांत्रिकी/यांत्रिक अभियांत्रिकी/खनन अभियांत्रिकी/इलेक्ट्रॉनिक्स एवं संचार अभियांत्रिकी/सिविल अभियांत्रिकी/कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं डेटा विज्ञान), बी.टेक. (डेयरी प्रौद्योगिकी), बी.टेक. (खाद्य प्रौद्योगिकी) एवं बी.एफ.एस सी.।
स्नातकोŸार पाठ्यक्रमः एम.एससी. (कृषि) – (12) मृदा विज्ञान, कृषि अर्थशास्त्र, कीट विज्ञान, कृषि विज्ञान, आणविक जीव विज्ञान एवं जैव प्रौद्योगिकी, विस्तार शिक्षाय बागवानी, आनुवंशिकी एवं पादप प्रजनन, सूत्रकृमि विज्ञान एवं पादप रोग विज्ञान, पशुधन उत्पादन प्रबंधन, एम.टेक. – (10) कृषि मशीनरी एवं विद्युत अभियांत्रिकी, प्रसंस्करण एवं खाद्य अभियांत्रिकी, मृदा एवं जल संरक्षण अभियांत्रिकी, नवीकरणीय ऊर्जा अभियांत्रिकी + 6 मुख्य अभियांत्रिकी शाखाएँ, एम.एससी. (सामुदायिक विज्ञान) – (5) खाद्य एवं पोषण, संसाधन प्रबंधन एवं उपभोक्ता विज्ञान, विस्तार शिक्षा एवं संचार प्रबंधनय मानव विकास एवं पारिवारिक अध्ययन, परिधान एवं वस्त्र विज्ञान एवं एम.टेक. (डेयरी प्रौद्योगिकी) – (2) डेयरी रसायन विज्ञान, डेयरी सूक्ष्म जीव विज्ञान।
विद्यावाचस्पति पाठ्यक्रमः पीएच.डी. (कृषि संकाय – 13) – मृदा विज्ञान, कृषि अर्थशास्त्र, कीट विज्ञान, सस्य विज्ञान, आणविक जीव विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी, विस्तार शिक्षा, फल विज्ञान, सब्जी विज्ञान, पुष्पकृषि और भूदृश्य, सूत्रकृमि विज्ञान, आनुवंशिकी और पादप प्रजनन, पादप रोग विज्ञान, पशुधन उत्पादन प्रबंधन, पीएच.डी. (प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग संकाय – 10) फार्म मशीनरी और पावर इंजीनियरिंग, प्रसंस्करण और खाद्य इंजीनियरिंग, नवीकरणीय ऊर्जा इंजीनियरिंग, मृदा और जल संरक्षण इंजीनियरिंग; + 6 मुख्य इंजीनियरिंग शाखाएँ), पीएच.डी. (सामुदायिक विज्ञान संकाय – 5) खाद्य और पोषण/ संसाधन प्रबंधन और उपभोक्ता विज्ञान/विस्तार शिक्षा और संचार प्रबंधन/मानव विकास और परिवार अध्ययन/परिधान और वस्त्र विज्ञान।
अन्य पाठ्यक्रमः डिप्लोमा – आदान विक्रेता के लिए कृषि विस्तार सेवाओं में एक साल का डिप्लोमा (डी.ए.ई.एस.आई.) सर्टिफिकेट, डिजर्टेशन ट्रेनिंग सर्टिफिकेट कोर्स (3/6 महीने) वोकेशनल कोर्सेसः 51 + 4 बी. वोक. प्रोग्राम, आउटरीच प्रोग्रामः फर्टिलाइजर डीलर्स सर्टिफिकेट, बकरी पालन, परिधान डिजाइनिंग, नर्सरी उगाना और बाग प्रबंधन एवं बैकयार्ड पोल्ट्री।

 
     
                                 
                                 
                                 
                                 
                                