नई दिल्ली/ब्यावर, 30 जुलाई। राजसमन्द सांसद श्रीमती महिमा कुमारी मेवाड़ ने मंगलवार को लोकसभा में नियम 377 के तहत एक महत्वपूर्ण जनहित से जुड़ा विषय उठाते हुए ब्यावर जिले में स्थित ऐतिहासिक महालक्ष्मी मिल के पुनर्निर्माण और चालू करने की मांग की।
सांसद श्रीमती मेवाड़ ने सदन में बताया कि ब्यावर जिले में वर्ष 1925 में स्थापित महालक्ष्मी मिल एक सदी से अधिक पुरानी औद्योगिक धरोहर है, जिसने कभी क्षेत्र को कपड़ा उद्योग के प्रमुख केंद्रों में स्थापित किया था। यह मिल कानपुर, कोलकाता और अहमदाबाद की तर्ज पर ब्यावर को भी एक औद्योगिक पहचान दिलाती रही है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2008 में इस मिल के नवीनीकरण के प्रयास प्रारंभ हुए थे, जिसके तहत मशीनों की नीलामी एवं भूमि समतलीकरण जैसे दो प्रमुख चरण भी पूरे किए जा चुके हैं। बावजूद इसके, तकनीकी उन्नयन कर मिल का पुनर्निर्माण नहीं हो सका। इस बीच, मिल को अन्यत्र स्थानांतरित करने पर भी विचार किया गया, जो स्थानीय पारंपरिक व्यापारिक पहचान के प्रतिकूल है।
सांसद श्रीमती मेवाड़ ने सरकार से आग्रह किया कि महालक्ष्मी मिल की स्थापना के शताब्दी वर्ष के अवसर पर पारंपरिक व्यवसायिक गतिविधि को सम्मान देते हुए मिल का स्थानांतरण न किया जाए, और इसका शीघ्रातिशीघ्र नवीनीकरण एवं उच्चीकरण कर पुनः संचालन ब्यावर जिले में ही सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि इससे न केवल क्षेत्र की औद्योगिक विरासत संरक्षित होगी, बल्कि स्थानीय रोजगार को भी बल मिलेगा।