कम्पेरिजन से दूर चले, अपने लॉजिक्स ढूंढे -मुनि ‘मेघांश’ 

टी. पी एफ की इनर हेल्थ इंजिनियरिंग कार्यशाला
उदयपुर .तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम उदयपुर चेप्टर के तत्वाधान में  महाप्रज्ञ विहार भुवाणा में  आचार्य महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती शासन मुनि सुरेश कुमार के सहवर्ती मुनि सम्बोध कुमार ‘मेधांश’ के सान्निध्य में इनर हेल्थ इंजरनिंग कार्यक्रम  हुआ। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुनि सम्बोध कुमार ‘मेधांश’ ने कहा- हम सभी का इस कायनात में होने में एक लॉजिक है। अपने लॉजिक्स ढूंढे, कॉम्पेरिजन के कॉन्सेप्ट से दूर चले तो सेल्फ सेटिसपेक्शन जोन में पहुँच जाते है। मुनि ने कहा- जैनिज्म का लाइफस्टाइल ट्रेंड सेट करे फिर स्वयं की दिव्यता स्वयं महसूस होगी, साथ ही उन्होंने फोर ए ऑफ़ जैनिज्म को जीवन शैली बनाने का आह्नान करते हुए कहा अहिंसा, अनेकांत, अपरिग्रह और अपोलोजी को अपने जीवन के एथिक्स हुए कहा- बनाए तो 7 दिन के 24 घंटो में खुशी को अपने आसपास महसूस करेंगे।
डॉ. एन. एल कच्छारा ने बतौर मुख्य वक्ता अपनी अभिव्यक्ति में कहा-विज्ञान इस मान्यता को पुष्टि दे चुका है कि प्रत्येक क्रिया की प्रतिक्रिया होती है, जीव के साथ भी कुछ एसा है। हम जो कर रहे उसका परिणाम भी हमे ही जीना है। आत्मा स्वयं ही कर्ता और स्वयं ही भोक्ता होता है। अपने आपको सरल और सहज बनाए रखे तो हम कर्म में परिवर्तन कर सकते है।
अवेएनेस ऑन डायबिटीज पर प्रशिक्षण देते हुए डॉ. राहुल सहलोत ने कहा- हम जब से कम्फर्ट जोन में आने लगे वजन बढना शुरू हुआ तो डायबटिज अनचाहे दस्तक देती है। 45 वर्ष के बाद प्रत्येक 3 वर्ष में अपनी सम्पुर्ण शरीर की जाँचे करवाए। डायबटिज रिवर्स जा सकती है बशर्ते कि हम एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं। सभी वक्ताओं ने श्रोताओ की जिज्ञासाओ का समाधान दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता तेरापंथ सभाध्यक्ष – अर्जुन खोखावत ने अपने विचार व्यक्त किए।
स्वागत व अतिथि परिचय टी.पी.एफ अध्यक्ष हिमांशु राय नागोरी व मंत्री पवन हिरण ने जताया, मंच संचालन  स्नेहा बाबेल,  प्रिया जैन ने किया।
By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!