हरित कल के लिए आज का खनन थीम पर देशभर में मनाया गया मनाया खनन दिवस

उदयपुर। माईनिंग इंजिनियर्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी आज 1 नवंबर को उदयपुर सहित देशभर में भारतीय खनन दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
एमईएआई, उदयपुर चेप्टर द्वार यह दिवस प्रति वर्ष अलग- अलग खानों पर जाकर मनाते है।
इसी श्रखंला में इस वर्ष हरित कल के लिए आज का खनन थीम पर माईनिंग इंजिनियर्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया राजस्थान चेप्टर, उदयपुर द्वारा डबोक स्थित जे के लक्ष्मी सीमेंट लिमिटेड की माईन्स पर मनाया गया। जिसमें खनन उधोग से संबधित वर्तमान परिदृष्य, तकनीकी उन्नति, पर्यावरण सरंक्षण के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई एवं माईन्स में फ्लोटिंग सोलर प्लान्ट व सीमेन्ट प्लान्ट कि विजिट की।
इस अवसर पर लगभग 160 खनि अभियंताओ तथा भूवैज्ञानिकों ने भाग लिया। विजिट के दौरान जे के लक्ष्मी सीमेंट लिमिटेड, उदयपुर की दरोली लाईम स्टोन माईन्स कि आधुनिक तकनीकि एवं पर्यावरण सरंक्षण के विविध कार्यो की जानकाऱी दी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता डी पी गौड ने की। इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रीय प्रेसिडेंट एमईएआई अरुण कुमार कोठारी द्वारा सभी अभियन्ताओें को शपथ दिलाई गई। उपाध्यक्ष माइन्स के पी सिंह, द्वारा सभी विशिष्ट अतिथियों को उपर्णा पहनाकर स्वागत सत्कार किया गया। अध्यक्ष ने अपने उद्बोधन में बताया कि खनन उधोग में खनन राष्ट्र निर्माण का आधार है।
इस अवसर पर वक्ता के पी सिंह द्वारा तकनिकी प्रस्तुतीकरण करते हुए बताया कि आज जब हम “हरित कल के लिए आज का खनन” की बात करते हैं, तब यह गर्व की बात है कि उदयपुर की धरती पर उदयपुर सीमेंट वर्क्स लिमिटेड ने सतत खनन और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम उठाया है। यह सौर संयंत्र पानी की सतह पर स्थापित है। जिससे न केवल विद्युत उत्पादन होता है, बल्कि जल वाष्पीकरण भी कम होता है। यह वास्तव में “ग्रीन एनर्जी विद वॉटर कंजर्वेशन का आदर्श उदाहरण है। सच्चा खनिक वही है, जो धरती से खनिज निकालता है और उसे फिर से हरियाली से सजाता है।
उदयपुर सीमेंट जैसी संस्थाएँ इस दिशा में हमारे लिए प्रेरणा स्रोत हैं। हमे खनन को केवल उद्योग नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति उत्तरदायित्व समझकर और एक स्वच्छ, हरित, और सुरक्षित कल की दिशा में अपना योगदान देना है ।
इस अवसर पर वक्ता माईनिंग इंजीनियर (विजिलेन्स) आरिफ मोहम्मद शेख ने बताया कि पूर्व में खनन का उद्देश्य केवल आर्थिक लाभ था, जिसके कारण असुरक्षित एवं अवैज्ञानिक खनन, पर्यावरणीय क्षति, तथा स्वास्थ्य समस्याएँ (जैसे सिलिकोसिस, ब्लैक लंग आदि) उत्पन्न हुईं। यह स्पष्ट किया कि अब समय है कि खनन को वैज्ञानिक, सुरक्षित एवं पर्यावरण-संवेदनशील दृष्टिकोण से किया जाए। तकनीकी नवाचार, नीतिगत सुधार, वृक्षारोपण एवं अपशिष्ट प्रबंधन के माध्यम से खनन उद्योग अब सतत विकास की ओर अग्रसर है। नवीन युग में लिथियम, कोबाल्ट, निकेल, कॉपर, एवं रेयर अर्थ एलिमेंट्स जैसे महत्वपूर्ण खनिज हरित ऊर्जा अर्थव्यवस्था के प्रमुख आधार बन रहे हैं।
उन्होंने बताया की सतत खनन प्रथाएं संसाधन दक्षता और अपशिष्ट न्यूनकरण तथा थ्री आर सिद्धांत के द्वारा प्रदूषण कम किया जा सकता है। सेंसर आधारित खनन तकनीकें जैसे एक्सआरटी एवं हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग, टेलिंग्स का पुनःप्रसंस्करण, नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग, सौर, पवन एवं जल विद्युत द्वारा संचालन, इलेक्ट्रिक वाहन का प्रयोगदृभूमिगत एवं सतही खदानों में शून्य-उत्सर्जन परिवहन के द्वारा भी पर्यावरण की रक्षा की जा सकती है। नीतिगत एवं विधिक ढाँचा के बारे में रोशनी डालते हुआ उन्होंने बताया कि भारत और राजस्थान में सतत खनन हेतु मजबूत नीतियाँ लागू की गई है। राष्ट्रीय खनिज नीति 2019 दृ पर्यावरणीय रूप से उत्तरदायी खनन और ई-गवर्नेंस पर बल दिया। कार्यक्रम में निबंध प्रतियोगिता में विजेता रहे प्रतिभागियों को नगद पुरूस्कार एंव प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के अंत मे सचिव एमईएआई उदयपुर चेप्टर आसिफ एम अंसारी द्वारा सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। उन्होंने बताया कि आज जब दुनिया “नेट जीरो” और “ग्रीन एनर्जी” की ओर बढ़ रही है, तब राजस्थान गर्व से कह सकता है कि हम भी इस हरित यात्रा में अग्रणी हैं।हमारे राज्य की कई कंपनियाँ और संस्थाएँ इस दिशा में प्रेरणादायक कार्य कर रही हैं उदयपुर सीमेंट द्वारा दारोली खदान में स्थापित 1 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर प्लांट इसका उत्कृष्ट उदाहरण है। कार्यक्रम का संचालन डॉ हितांशु कौशल, सयुक्त सचिव एमईएआई उदयपुर द्वारा किया गया।

By Udaipurviews

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