सतरंगी शास्त्रीय प्रस्तुतियों से सजा मीरा कला मंदिर का रंगमंच

-70वें मीरा महोत्सव पर भक्तिमती मीरा के व्यक्तित्व और कृतित्व पर वक्ताओं ने रखे विचार
-भक्तिमार्ग का अनुपम उदाहरण बताया भक्तिमती मीरा को
-मीरा के भजनों से गूंजा मीरा कला मंदिर

उदयपुर, 7 अक्टूबर। संत कवयित्री भक्तिमती मीरा को समर्पित मीरां-प्रकाश वर्मा फाउंडेशन के तत्वावधान में चल रहे दो दिवसीय 70वें मीरा महोत्सव का समापन मंगलवार को हुआ। समापन पर शास्त्रीय प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भजन, भरतनाट्यम, वाद्य यंत्रों पर समधुर वादन की प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया।

संयोजक लव वर्मा ने बताया कि सेक्टर-11 स्थित मीरा कला मंदिर के प्रकाश वर्मा ऑडिटोरियम में ‘कृष्ण की विरहणी मीरा’ थीम पर चल रहे समारोह के तहत मंगलवार को आयोजित समापन कार्यक्रम में शहर विधायक ताराचंद जैन मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता राजस्थान विद्यापीठ के संघटक माणिक्यलाल वर्मा श्रमजीवी महाविद्यालय के सामाजिक विज्ञान एवं मानविकी संकाय के अकादमिक निदेशक डॉ. हेमेन्द्र चौधरी ने की। मुख्य वक्ता भाजपा आपदा राहत विभाग के प्रदेश संयोजक राजस्थान गौरव डॉ. जिनेन्द्र शास्त्री थे। उन्होंने भक्तिमती मीरा पर उद्बोधन देते हुए उन्हें भक्ति मार्ग पर अडिग रहने वाली विभूति बताया। उन्होंने 1955 से निरंतर इस क्षेत्र में कार्यरत फाउंडेशन के कार्य को सराहा और कहा कि इस महोत्सव के माध्यम से राजस्थान की लोक कला, भारतीय शास्त्रीय नृत्य, संस्कृति और संगीत को प्रासंगिक बनाए रखने का यह प्रयास अनुकरणीय है।

कार्यक्रम में समाजसेवी चन्द्रगुप्त सिंह चौहान, पंकज शर्मा, फतह सिंह राठौड़, कमलेंद्र सिंह पंवार, सत्यनारायण माहेश्वरी, विकास गौड़ विशिष्ट अतिथि रहे।

दो दिवसीय 70वें मीरा महोत्सव के दूसरे दिन मंगलवार को आयोजित समापन समारोह में विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं। भजन गायन में देवेंद्र हिरण, सदाशिव गौतम, गजेंद्र दमामी, मारीशा दीक्षित, वीणा डांगी तथा संजय भाट ने अपनी मधुर प्रस्तुतियों से वातावरण को भक्तिमय बना दिया। भरतनाट्यम नृत्य की सुंदर प्रस्तुति मनीषा नेगी और उर्मी मुखर्जी द्वारा दी गई, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वाद्य यंत्र वादन में सौरभ देल्हवी और रवि वर्मा ने अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के दौरान कला पुरोधा श्री प्रकाश वर्मा कला सम्मान से स्व. माणिक आर्य, मीठालाल वर्मा और डॉ. विजय लक्ष्मी दवे को सम्मानित किया गया। इससे पूर्व, सोमवार शाम को आयोजित समारोह में मोहन पंवार, ओम कुमावत व नृत्य शिरोमणि शकुंतला पंवार को कला पुरोधा सम्मान से नवाजा गया था।

मंच संचालन राजेन्द्र सेन व रणवीर सिंह राणावत ने संभाला। आयोजन समिति में शामिल विजय धाँधड़ा, यथार्थ वर्मा, नारायण गंधर्व, कुश वर्मा, लज्जा वर्मा, प्रदीप वर्मा, प्रवीण, संजय लुणावत, शुभम जैन, अनिल पिपलिया अखेराज रेबारी, मुकेश गुर्जर, मंजू गंधर्व आदि की सेवाओं का आभार व्यक्त किया गया।

इससे पूर्व, दो दिनों के दौरान मीरा महोत्सव के तहत आयोजित विद्यालय और महाविद्यालय स्तर की संगीत प्रतियोगिता में महाविद्यालय वर्ग में आदिनाथ बी.एड. कॉलेज, सेक्टर-11 ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। विद्यालय वर्ग में इंडो अमेरिकन स्कूल ने प्रथम, आलोक सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेक्टर-11 ने द्वितीय तथा सेन्ट्रल एकेडमी स्कूल, सरदारपुरा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता का मूल्यांकन वरिष्ठ संगीतज्ञ एवं क्लारनेट वादक मीठालाल वर्मा, आदित्य बिरला पब्लिक स्कूल, अल्ट्राटेक पिण्डवाड़ा के संगीत विभागाध्यक्ष संजय कळवंत तथा गोल्डन आई ग्रुप, उदयपुर के निदेशक व कोरियोग्राफर कालीचरण मेनारिया द्वारा किया गया। प्रातः वेला में परिसर में स्थित मीरा मंदिर में हवन अनुष्ठान भी किया गया।

By Udaipurviews

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