एकाग्रता से किया ध्यान व्यक्ति की दशा और दिशा दोनों बदल सकता है : आचार्य महाश्रमण

– गुजरात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जगदीश स्वर्णकार ने किए आचार्य महाश्रमण के दर्शन
– आचार्य महाश्रमण की धवल वाहिनी पहुंची हिम्मतनगर

उदयपुर, 11 नवम्बर। तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता आचार्य महाश्रमण अपनी धवल वाहिनी के साथ लम्बे-लम्बे डग भरते हुए मेवाड़ की ओर अपने चरण बढ़ा रहे है। श्री मेवाड़ जैन श्वेताम्बर तेरापंथी कांफ्रेंस के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने बताया कि आचार्य महाश्रमण 11 नवम्बर को प्रात:  तेरापंथ भवन सलाल से का विहार कर जैनाचार्य आनंद धन विद्यालय हिम्मतनगर पहुंचे। आज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जगदीश स्वर्णकार ने आचार्य महाश्रमण के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। आचार्य महाश्रमण के विहार के दौरान मार्ग में जगह- जगह ग्रामीणों और श्रावक-श्राविकाओं द्वारा अभिवादन किया गया। आचार्य महाश्रमण ने ग्रामीणों का नशामुक्ति की प्रेरणा दी। आचार्य महाश्रमण का अपनी धवल वाहिनी के साथ अगला पड़ाव 12 नवम्बर को वीरावड़ा में होगा।
आचार्य महाश्रमण ने उपस्थित जन समुदाय और हिम्मतनगर समाज को अमृत देशना देते हुए  फरमाया कि भगवान महावीर की वाणी में सारतत्व भरा है उस वाणी को अपनाकर व्यक्ति अपने जीवन में सारतत्व प्राप्त कर सकता है। आत्मा अनादिकाल से चली आ रही है इसका कभी नाश नहीं हो सकता है। शरीर नश्वर है। आत्मा को परमात्मा बनाना ही जीवन का मुख्य लक्ष्य होना चाहिए। आत्मा के भीतर अनंत ज्ञान भरा है बस हम उसे उपयोग नहीं ले पा रहे हैं। आत्मा में ज्ञान के अनेक केंद्र विद्यमान है बस आवश्यकता है उन्हें जानने की।उन केंद्रों को एकाग्रता, साधना से प्राप्त कर सकते हैं। एकाग्रता से की गई साधना से सिद्धि प्राप्त होती है। जन्म मरण की परंपरा से छुटकारा मिले तो व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मोक्ष की सिद्धि के सामने दुनिया की सारी सिद्धियां गौण है।
इस अवसर पर साध्वी प्रमुखा विश्रुत विभा ने अपनी बात में कहा कि हमें जीवन की शाश्वत स्थिति को प्राप्त करना है इसके लिए साधना करना परम आवश्यक है। समणी विज्ञप्रज्ञा ने क्रोध  को कम करने के संदर्भ में अंग्रेजी में अपनी सारगर्भित बात रखी। आज के कार्यक्रम में गुजरात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जगदीश स्वर्णकार और सिद्धार्थ प्रफुल्ल पटेल ने आचार्य महाश्रमण के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। उनका अभिनंदन केतन डूंगरवाल और मेवाड़ कांफ्रेंस महामंत्री बलवंत रांका  द्वारा साहित्य समर्पण, उपरना और स्मृति चिन्ह द्वारा किया गया।
साथ ही स्थानकवासी संप्रदाय हिम्मतनगर के सुरेश मुनोत, जैनाचार्य आनंदधन सूरी विद्यालय हिम्मतनगर के प्रिंसिपल दिनेश भाई प्रजापति, विद्यालय ट्रस्टी अतुल भाई दीक्षित, जिला विकास अधिकारी हर्षद भाई बोहरा का भी साहित्य समर्पण, उपरना और स्मृति चिन्ह से अभिनंदन केतन डूंगरवाल, राकेश रांका और पंकज बेद मेवाड़ कांफ्रेंस महामंत्री बलवंत रांका,किया गया।
इस अवसर पर श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा  के अध्यक्ष रतन बुरड़ द्वारा शब्दों द्वारा स्वागत, तेरापंथ महिला मंडल द्वारा स्वागत गीत की प्रस्तुति, ज्ञानशाला  के बच्चों द्वारा द्वारा आचार्य भिक्षु के सिद्धांतों पर तथा त्रिशा चावत ने अपनी भाव्यव्यक्ति प्रस्तुत की गई। अंत में उपस्थित जन समुदाय को मंगल पाठ का श्रवण करवाया गया।
मार्ग सेवा में किशनलाल डागलिया, राजकुमार फत्तावत, बलवंत रांका ,सूर्यप्रकाश मेहता,अरुण मेहता , राजीव सुराणा,सुरेश चोरडिया, राजेश खाब्या, सुनील कोठारी, प्रेक्षा वरिष्ठ नागरिक संघ उदयपुर के मोतीलाल पोरवाल, रतन मेहनोत, अशोक लोढ़ा,महेंद्र पितलिया, राजमल चपलोत, आनंद कुमार इन्टोदिया, नरेंद्र सिंह लोढ़ा, नरेंद्र नागौरी, प्रकाश पितलिया, ताराचंद सिंघवी, मंजू चौधरी, ज्योति मेहनोत , गंगा पितलिया, पुष्पा नागौरी, हेमलता नागौरी, उषा लोढ़ा, वैभव चौधरी अक्षत पोरवाल, नमन सोनी, हर्षिल बोहरा आदि आचार्य महाश्रमण की मार्ग सेवा में सहभागी रहे।

By Udaipurviews

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