शहर के प्रज्ञा शिखर महाप्रज्ञ विहार में चल रहे पर्युषण पर्व के सातवें दिन ध्यान दिवस पर श्रावक-श्राविकाओं को सम्बोधित करते हुए आचार्य महाश्रमण के आज्ञानुवर्ती शासन श्री मुनि सुरेश कुमार ने कहा- पयुषर्ण आत्म साक्षात्कार का महान पर्व है। इस दौर की यह विचित्रता है की भगवान को मंदिरों मस्जिदों में ढूँढ रहे है जबकि वो स्वयं के रोम -रोम में बसे है । ध्यान सिर्फ़ आँखों को मूँद कर बैठना नहीं है ध्यान का अर्थ है ‘जो भी करों ज्ञाता दृष्टा भाव से करो, ध्यान मन की शांति शरीर की शुद्धि और आत्मा के दिव्य आनंद की अनुभूति सोपती है । स्वयं से स्वयं को देखना ही ध्यान है जब हम ध्यान करते है तो ब्रह्मांड की सभी सभी शक्तियाँ चेतना में शामिल हो जाती है इसके परिणाम से भविष्य के संकेत मिलने शुरू हो जाती है
मुनि संबोध कुमार ‘मेधांश’ ने महावीर के दीक्षा महोत्सव के रोचक प्रसंगों को सुनाते हुए कहा- हम जो भी देते है वही वापिस लौटकर आता है , पर्युषण का सिर्फ़ इतना सा उद्देश्य है हमारी वजह से किसी का दिल ना दुखे, पर्युषण मनाते हुए भी अगर मन के किसी कोने में किसी के लिये वैर का कोई विचार रह गया तो हमे यह याद रखना होगा कि बाज़ार में एक से दस प्रतिशत का ब्याज देना होता है कार्मिक अकाउंट में 100 प्रतिशत ब्याज चुकाना होगा , हम कुछ भी करें हर बात में निर्जरा कमाने के अवसर ढूँढने की ज़िद्द पर उतर आये तो वीतरागता के दरवाज़े हमारे लिए अपने आप खुल जाएँगे
गणधर वाद विषय पर बोलते हुए मुनि सिद्धप्रज्ञ ने कहा जैन दर्शन में तीर्थंकरों के गणधर होते हैं जो गण का अच्छी तरह से संचालन करें एवं तीर्थंकरों की वाणी को यथार्थ रूप में प्रस्तुत करें उसे गणधर कहते हैं। भगवान महावीर स्वामी के 11 गणधर हुए जो महावीर के समय मौजूद थे और स्वयं भगवान महावीर स्वामी ने उन 11 गणधरों को अपने हाथ से समझा कर उनके जिज्ञासाओं का समाधान करके उन्हें दीक्षित किया शिक्षित किया प्रशिक्षित किया। गौतम स्वामी जैसे प्रकांड विद्वान भी अपने 500 शिष्यों के साथ महावीर स्वामी से दीक्षित हो गए और गौतम स्वामी ने जो प्रश्न पूछे वह हमारे लिए प्रेरणा स्रोत बन गए ।सुधर्मा स्वामी जो गणधर भी थे और प्रथम पट्टधर भी थे उन्होंने अंगआगमो का सूत्रपात कर जैन शासन की बहुत बड़ी प्रभावना की। सभी गणधर मोक्ष गति को प्राप्त हुवे।
संवत्सरी पर होगा साढ़े सात घंटे प्रवचन
सूर्यास्त के साथ ही करेंगे प्रतिक्रमण
संवत्सरी महापर्व के साथ आज पर्युषण का इति होगा शासनश्री मुनि सुरेश कुमार के सान्निध्य में महाप्रज्ञ विहार में सुबह 8:30 बजे से शाम को 3:00 बजे तक प्रवचन होंगे
शाम को 6 बजकर 33 मिनिट पर सांवत्सरिक प्रतिक्रमण होगा जिसने चालीस लोगस्स का ध्यान किया जाएगा इसके बाद अर्हत वंदना और ज्ञात -अज्ञात भूलों के लिए क्षमा याचना की जाएगी