4 दिवसीय हास्य योग सम्मेलन का आज होगा समापन
शारीरिक व्याधियां व मानसिक तनाव के चलते हसंना भू गये,इसलिये उन्हें हंसाना पड़ रहा
उदयपुर। शहर के स्पेक्ट्रम रिसोर्ट में चल रहे 11 वें राष्ट्रीय हास्ययोग सम्मेलन में आज हास्य गुरू जितेन कोही ने कहा कि तीन प्रकार की हंसी होती है लेकिन सात्विक हंसी हंस कर हम बाहर से नहीं भीतर से भी न केवल अपने शरीर बल्कि आत्मा दोनों को स्वस्थ, ऊर्जावान और आनंदित करते हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा दो अन्य प्रकार की एक राजसिक, हंसी जो केवल मनोरंजन के लिए की जाती है और दूसरी तामसिक हंसी जिसमें आप दूसरों को चिढ़कर या परेशान कर स्वयं हंसते हैं,खुश होते हैं। आज प्रातः 6. बजे से ही सभी 500 लोग मैदान में एकत्रित हो गए और हास्यासन करते हुए ठहाके लगाते हुए अपने शरीर और मन दोनों को स्वस्थ और आनंदित करने में जुट गए।
हास्य गुरु जितेन कोही ने लोगों को हास्यासन करते हुए ताली हास्य, पंछी हास्य, शिकायत हास्य, तारीफ हास्य, केसरी हास्य आसान, हास्य कपोल भांति मोहन हास्य हास्य कपालभाति, बाल मचलन हास्य क्रिया जैसी अनेकों हास्य क्रियाएं व आसान करके लोग न केवल स्वस्थ होनें के बारें में बताया। सभी जोर-जोर से उठकर ठहाके लगाते हुए आनंद भी ले रहे थे। आज एक विशेष आयोजन में वहां 25 लोगों का जन्मदिन एक साथ मनाया गया। उसके बाद सभी लोग उदयपुर की सांस्कृतिक परंपरा और विरासत के भ्रमण के लिए निकलें।
आज जिंदगी के तीन सबसे बड़ी समस्याएं हैं। नौकरी, व्यापार, परिवार और जीवन में बढ़ती असुरक्षा, बचपन से लेकर बुढ़ापे तक हर पल गला काट प्रतिस्पर्धा और जल्दी से सब कुछ पाने की लालसा। और इन तीनों समस्याओं का सपोर्ट सिस्टम कमजोर हो चुका है, क्योंकि परिवार छोटे हो रहे हैं। अकेलापन बढ़ता जा रहा है। अकेलेपन के कारण इन सब से हमें खुद ही जूझना पड़ता है। उसके चलते शारीरिक व्याधियां व मानसिक तनाव बढ़ रहे हैं और इसका सबसे सरल और सुंदर उपाय है हंसना लेकिन हंसी गायब हो रही है। इसलिए आज लोगों को हंसना सिखाना पड़ रहा है।
प्रणिता तलेसरा ने बताया कि आज 30 बहन भाइयों की एक साथ मंत्र उच्चारण के साथ जन्मदिन मना कर एक अनूठी पहल की। देश भर के आए साधकों की एक साथ अक्टूबर माह में जन्म दिवस मनाया गया जो एक शहर का अनूठी मिसाल थी। बुधवार को हास्य योग सम्मेलन का अंतिम दिन है।
जीवन में सात्विक हंसी हंस कर अपने शरीर व आत्मा दोनों को स्वस्थ एवं उजार्वान बनायें
