2006 के बाद पहली बार आयड़ नदी किनारे बस्तियां जलमग्न
लंबे इंतजार के बाद मेघ मेहरबान
उदयपुर जिले में शनिवार को मानसून पूरी तरह मेहरबान रहा। आधी रात से शुरू हुई रिमझिम सुबह तक तेज बरसात में बदल गई। अलसुबह से ही शहर की सड़कों पर नदियां बहने लगीं और कई निचले इलाकों में पानी भर गया। भूपालपुरा, न्यू भूपालपुरा, अशोकनगर, नवरत्न कॉम्प्लेक्स, बेदला, बड़गांव, अलीपुरा और कृष्णापुरा जैसे इलाकों में कमर तक पानी भर गया। करजाली हाउस क्षेत्र में मकानों की निचली मंजिलें डूब गईं और लोग छतों पर शरण लेने को मजबूर हुए। साइफन चौराहा पर खड़ी कई कारें जलमग्न हो गईं।
बारिश का रिकॉर्ड और बांधों की स्थिति : जल संसाधन विभाग के अनुसार जिले में शनिवार को सर्वाधिक वर्षा गोगुंदा में 123 मिमी दर्ज की गई। मदार में 118 मिमी, वल्लभनगर में 111 मिमी, ओगणा में 78 मिमी, सेई में 85 मिमी और उदयपुर शहर में 57 मिमी बरसात हुई।
बारिश से जिले के कई प्रमुख तालाब – मदार बड़ा, फतहसागर, स्वरूपसागर और उदयसागर – लबालब हो गए और ओवरफ्लो होकर बह निकले। आयड़ नदी के उफान को देखते हुए जल संसाधन विभाग ने उदयसागर बांध के गेट पांच फीट तक खोल दिए। इससे आयड़ नदी का बहाव और तेज हो गया।
2006 बनाम 2024 की बारिश : 2006: आयड़ नदी का पानी पुलिया के ऊपर से बह निकला था और शहर का बड़ा हिस्सा बाढ़ जैसे हालात में डूब गया था।
2024: इस बार नदी का पानी पुलिया तक तो पहुंचा, लेकिन उसके ऊपर से नहीं बहा। प्रशासन ने त्वरित राहत और निकासी कार्य शुरू कर हालात को काबू में रखा।
श्मशान घाट जलमग्न
शनिवार सुबह बारिश के चलते आयड़ नदी में अचानक उफान आ गया। नदी का जलस्तर इतना बढ़ा कि फतहपुरा श्मशान और अशोकनगर मोक्षधाम जलमग्न हो गए। नदी का पानी यहां की तीन चिताओं और हाल ही में हुए अंतिम संस्कार की अस्थियों को बहा ले गया।
श्मशान के बाहर लकड़ी की टाल संचालक प्रकाश बुधराज ने बताया कि सुबह 10 बजे तक तीन अंतिम यात्राएं पहुंच चुकी थीं। दो का संस्कार लगभग पूरा हो चुका था, लेकिन तीसरे संस्कार के दौरान ही नदी का पानी अंदर घुस गया। लोग जैसे-तैसे बाहर निकले और अधूरी चिता नदी में बह गई।
गैस शवदाह गृह में हुए अंतिम संस्कार पर असर नहीं पड़ा, लेकिन परंपरागत चिताएं देखते-देखते पानी में विलीन हो गईं। शुक्रवार को हुए दो संस्कारों की अस्थियां भी नदी के तेज बहाव में बह गईं।
बड़ा हादसा टला – सात घंटे चला रेस्क्यू : बारिश के बीच शनिवार को उदयपुर शहर में आयड़ नदी में बड़ा हादसा होते-होते टल गया। तीन दोस्त मछली पकड़ने नदी किनारे गए थे। अचानक बहाव तेज होने से एक युवक समय रहते बाहर निकल आया, दूसरा बह गया और तीसरा युवक बीच टापू जैसी जगह पर फंस गया।
फंसे युवक का नाम संजय बताया गया है। वह करीब सात घंटे तक तेज बहाव में बीचों-बीच फंसा रहा। आपदा प्रबंधन दल, पुलिस और सिविल डिफेंस ने बचाव की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। आखिरकार सेना की मदद ली गई।
सेना ने बचाया जीवन : सेना के जवानों ने ड्रोन, रस्सियों और सुरक्षा उपकरणों का सहारा लेकर संजय को सुरक्षित बाहर निकाला। इस दौरान हजारों लोग नदी किनारे जमा हो गए। युवक के सुरक्षित बाहर आने पर लोगों ने राहत की सांस ली।
हालांकि संजय के दोस्त में से एक युवक अभी तक लापता है। उसकी तलाश जारी है।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई : बारिश से उपजे हालात को देखते हुए जिला कलेक्टर, एसपी और विधायक फूलसिंह मीणा सहित कई जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे। प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में राहत कार्य शुरू किए। जिन क्षेत्रों में पानी भर गया था, वहां से लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
शहरवासियों के लिए चुनौती : लगातार तेज बरसात ने शहर की व्यवस्था को चरमराकर रख दिया। कई इलाकों में बिजली बाधित रही, जबकि सड़कों पर जलभराव से यातायात ठप हो गया। लोग घंटों तक अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाए। दुकानों और मकानों में घुसे पानी से भारी नुकसान हुआ।