भगवान महावीर के जन्म के बाद उनके जीवन पर दिये व्याख्यान

उदयपुर। पर्वाधिराज पर्युषण के तहत सूरजपोल स्थित दादाबाड़ी में सोमवार को भगवान महावीर के जन्म के बाद हुए कार्यक्रमों संबंधी विवरण दिया।
साध्वी विरलप्रभा श्रीजी, साध्वी विपुलप्रभा श्रीजी और साध्वी कृतार्थप्रभा श्रीजी की पावन निश्रा में हुए प्रवचन में बताया गया कि श्रमण भगवान महावीर के 3 नाम दिए गए। उनका बालपन और देवों के सामने हुई चर्चा, वर्धमान और सिद्धार्थ की जीवनी बताई। इंद्र के प्रश्नों का उत्तर वर्धमान कुमार ने दिया। तब इंद्र अपने असली वेश में आये। 3 जगत के नाथ की बराबरी कोई नही कर सकता। इस तरह वर्धमान की स्तुति कर इंद्र वापस चले गए। जब भगवान 28 वर्ष के थे तब उनके माता पिता का देहावसान हो गया। उन्होंने अपने भाई से सन्यास की आज्ञा मांगी तब उन्होंने मना कर दिया। 2 वर्ष और गृहस्थ रहने का निर्णय किया। 14 स्वप्न माता त्रिशला ने देखे थे तब पता था कि चक्रवर्ती पुत्र होगा। स्नान कराकर आभूषणों से सज्जित कर दीक्षा महोत्सव मनाया गया।
ट्रस्ट सचिव दलपत दोशी ने बताया कि अब बारसा सूत्र का वाचन होगा। श्रावक श्राविकाओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है। मंदिर में भक्ति करने भी काफी श्रद्धालु उमड़ रहे हैं।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!