राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा पहुंचे धरियावद, राहुल और प्रियंका यहां आकर भी देखें
उदयपुर। भाजपा से राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा का कहना है कि मणिपुर पर हायतौबा करने वाली कांग्रेस धरियावद मामले में चुप क्यूं है। राहुल और प्रियंका को भी यहां आकर राजस्थान के हालात देखने चाहिए। सांसद मीणा रविवार को भाजपा की परिवर्तन यात्रा में शामिल होने बेणेश्वर जाने से पहले धरियावद पहुंचे। उन्होंने यहां पीड़ित महिला और उसके परिजनों से मिलने की कोशिश की, जिसे उसके पति और ससुरालजनों ने मारपीट कर निर्वस्त्र कर सड़क पर दौड़ाया था। हालांकि वह ना तो पीड़िता से मिल पाए और ना ही उसके परिजनों से। जिस पर मीणा ने कहा कि गहलोत सरकार ने पीड़िता और उसके परिजनों को बंधक बना लिया है और किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा। जबकि पुलिस का कहना है कि पीड़िता और उसके परिजन काउंसलिंग के चलते सांसद मीणा से नहीं मिल पाए।
थानागाजी गैंगरेप की तर्ज पर दिया जाए मुआवजा
सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने मांग की है कि धरियावद मामले की पीड़िता को अलवर के थानागाजी गैंगरेप की तर्ज पर मुआवजा, नौकरी और मकान दिया जाना चाहिए। जहां पीड़िता को 25 लाख रुपए मुआवजा, एक पक्का मकान तथा स्थायी सरकारी नौकरी दी गई थी। जबकि यहां गहलोत सरकार ने दस लाख रुपए का मुआवजा तथा नौकरी की घोषण की है। जिसमें यह नहीं बताया कि नौकरी कौनसी दी जानी है। इस दौरान किरोड़ी मीणा ने कहा कि हम समाज की तरफ से पीड़िता को 15 लाख रुपए देंगे।
सामाजिक स्तर पर आरोपियों को करेंगे दंडित
राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा, पीड़ित आदिवासी समाज की बेटी है। पुलिस अपनी कार्रवाई करने के बाद पीड़िता और परिजनों को मुक्त करे क्योंकि आदिवासी समाज में भी न्याय की अपनी परंपरा है। सामाजिक स्तर पर पीड़ित से घटना की जानकारी लेते हुए अपराधियों को सामाजिक स्तर पर भी दंडित किया जाएगा।
राहुल-प्रियंका यहां आकर देखें राजस्थान की बदहाली
सांसद मीणा ने कहा कि ऐसा अपराध देश में कहीं भी नहीं देखा। अशोक गहलोत घड़ियाली आंसू बहाकर 10 लाख रुपए दे जाए ये बर्दाश्त नहीं है। मणिपुर की घटना पर कांग्रेस ने हाय तौबा मचा दी थी। राहुल गांधी मणिपुर पहुंच गए थे। वे यहां आकर क्यों नहीं देखते। यहां गहलोत सरकार मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। प्रियंका गांधी कहती हैं कि मैं लड़की हूं लड़ सकती हूं। यहां आकर देखें लड़की की क्या बदहाली है। राजस्थान की कानून व्यवस्था के मामले में कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व आंख मूंदकर बैठा है। दलित, आदिवासी, महिला कोई सुरक्षित नहीं है। लोग भय मुक्त हों, इसलिए राजस्थान को गहलोत से मुक्त कराया जाए, उनको बर्खास्त किया जाए। मीणा ने सवाल भी उठाया कि आखिर पुलिस को देरी से सूचना किसलिए मिली। घटना के 36 घंटे बाद एफआईआर दर्ज की गई। यह बताया जाना चाहिए कि इस मामले में किसका दबाव था।
किरोड़ी बोले, मणिपुर पर हायतौबा मचाने वाली कांग्रेस धरियावद मामले में चुप क्यों
