लोगों को तनाव मुक्त करने के लिए और भागदौड़ भरी जिंदगी में तकलीफों को कम करने के लिए हंसना बेहद जरूरी

चार दिवसीय हास्य योग सम्मेलन प्रारम्भ
उदयपुर। हंसो और फिट रहो, क्योंकि जो फिट है वही हिट है, का यह संदेश जोरदार ठहाकों के साथ गूंजा स्पेक्ट्रम रिजॉर्ट उदयपुर के सभागार में, जहां पूरे देश के विभिन्न शहरों से आए लगभग 500 लोगों ने जोरदार ठहाके लगाते हुए इसे दोहराया।
आज 11 वें राष्ट्रीय हास्ययोग सम्मेलन के प्रथम दिन उद्घाटन समारोह जोरदार ठहाकों और शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ शुरू हुआ। योग की जय हो, ध्यान की जय हो, हास्ययोग जय हो। गीत के साथ हास्य ध्वज सभी लोगों ने एक साथ फहराया। हास्ययोग गुरु जितेन कोही के सानिध्य में यह पूरा आयोजन किया जा रहा है।
उदयपुर के अपर कलेक्टर (प्रशासन) शैलेश सुराणा ने कहा कि यह एक अभूतपूर्व आयोजन है। उदयपुर के प्रांगण में ऐसा आयोजन पहली बार हो रहा है। मैं स्वयं यह देखकर हैरान हूं कि योग और हास्य को जोड़कर गुरु जी ने एक अभूतपूर्व योग की रचना कर दी है क्योंकि हंसना आज बहुत जरूरी है। हंसने से अनेकों बीमारियां ठीक होती हैं और मैं देख रहा हूं, यहां समस्त देश के हंसते खेल-खिलाते लोग एक साथ इकट्ठे होकर यह संदेश सबको देने का प्रयास कर रहे हैं।
भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। प्रणिता तलेसरा, एल के बारीक, मंजूषा गुप्ता, डॉ विनोद कुमार लड़िया इत्यादि विभिन्न अतिथिगण गणों ने इस समारोह में उपस्थित हो इसकी भव्यता में चार चांद लगाए। मंच संचालन अंजना गुप्ता और अर्चना शर्मा जी ने किया।
हास्य योग केंद्र दिल्ली के विपिन गुप्ता ने बताया कि यह हमारा 11 वां सम्मेलन है। इस राष्ट्रीय सम्मेलन में समस्त देश के हमारे लगभग 4000 केन्द्रों से साधक आकर हास्य योग पर चर्चा करते हैं और उसके प्रचार प्रसार के लिए कार्य करते हैं। हास्य गुरु जितेन कोही का सपना है हंसता भारत स्वस्थ भारत।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए हास्य गुरु जितेन कोही ने कहा कि बीमार इंसान अपने आसपास के लोगों और समाज को बीमार करेगा. रोता हुआ आदमी लोगों को दुख देगा, रुलाएगा और हंसता हुआ आदमी औरों को भी हंसाएगा। खुश होकर काम करेगा, और देश की प्रगति में साझेदारी देगा। इसीलिए लोगों को तनाव मुक्त करने के लिए और भागदौड़ भरी जिंदगी में तकलीफों को कम करने के लिए हंसना बेहद जरूरी है। और केवल हंसना ही नहीं जोर-जोर से ठहाके लगाना जरूरी है।ष् उन्होंने आगे कहा चुटकुलों आदि में हम दूसरों पर कमेंट करके, दूसरों को चिढ़कर, दूसरों का मजाक बनाकर हंसते हैं। वह अच्छी हंसी नहीं है। योग के माध्यम से हम सात्विक हंसी हंसते हैं। जिससे किसी को पीड़ा नहीं पहुंचती। और हमारे भी मन को आनंद और शांति मिलती है।
दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश ,महाराष्ट्र,पंजाब, गुजरात, राजस्थान, उत्तराखंड इत्यादि देश के विभिन्न प्रदेशों से आए प्रतिनिधियों ने भी अपनी बात रखी। हंसी के फायदे बताएं और लोगों को स्वस्थ रहने की प्रेरणा दी। योग से जुड़ने की नसीहत दी।
सम्मेलन में 5 साल के बच्चे से लेकर 90 साल के बुजुर्ग तक सभी उम्र के लोग ठहाके लग रहे थे। बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद थी, जो इस बात को दर्शाती हैं की योग में या जीवन के किसी भी क्षेत्र में महिलाएं पीछे नहीं है।
लायन्स इन्टरनेशनल पूर्व निदेशक विनोद लाडिया ने कहा कि मुझे आज यहां पर सम्मेलन में आने पर बहुत प्रसन्नता है और एक मुझे नया अनुभव हो रहा है और इस अनुभव का मैं आनंद ले रहा हूं। इसलिए आज मुझे लग रहा है कि मैं प्रभु के बहुत समीप हूं।
यहां का माहौल एक अलग और कुछ अनूठा है हम लोग दिन भर के प्रशासनिक व्यवस्थाओं में बड़े डर गंभीर रहते हैं लेकिन यहां का जो माहौल है कुछ अनूठा है कुछ हटकर है या आगे लगता है की दिनचर्या के अंदर हमारी लाइफ के अंदर और भी बहुत कुछ है और उसमें हास्य कर कितना बड़ा योगदान हो सकता है यह यहां क्या-क्या देखा है यहां के लोगों को दिखाएं सभी लोग बड़े कुछ मिजाज बड़े प्रफुली चाहिए और इसको देखकर लगता है की हास्य तो हमें भी हमारे दोस्त में शामिल करना चाहिये। इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ में कार्यक्रम का आगाज हुआ।

By Udaipurviews

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