लघु उद्योग भारती की कलड़वास इकाई की प्रथम बैठक
उदयपुर, 7 जून। “संगठन तभी सशक्त होता है जब प्रत्येक सदस्य स्वयं को उसकी रीढ़ माने। संवाद, समर्पण और संरचना संगठन की तीन आधारशिलाएं हैं।”
यह बात लघु उद्योग भारती की नवगठित कलड़वास इकाई की प्रथम बैठक में उभर कर आई। इकाई के नए अध्यक्ष बाबू सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में मार्गदर्शक के रूप में उपस्थित प्रदेश मीडिया प्रमुख तरुण दवे ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे केवल उपस्थित न रहें, बल्कि संगठन के भावनात्मक और नैतिक ढांचे में रीढ़ बनें।
बैठक में महानगर इकाई अध्यक्ष राजेन्द्र सुराणा ने कहा कि संगठन केवल कार्य विभाजन नहीं, बल्कि कार्यसंस्कृति और उत्तरदायित्व बोध का प्रशिक्षण होता है। उन्होंने समन्वय, संवाद और संयम को संगठन के स्थायित्व के मूल तत्व बताया।
बैठक में कलड़वास इकाई ने 125 सक्रिय सदस्यों तक विस्तार का लक्ष्य रखा है, जिनमें से आगामी राजसमंद अभ्यास वर्ग से पूर्व 25 नए सदस्यों को जोड़ने की योजना बनाई गई। साथ ही, यह निर्णय भी किया गया कि अगली बैठक में सभी सदस्यों को सदस्यता प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे, जिससे सदस्यता को सिर्फ पहचान नहीं, बल्कि उत्तरदायित्व का प्रतीक बनाया जा सके।
निवर्तमान अध्यक्ष अभिमन्यु सिंह एवं सचिव अभिजीत शर्मा ने पूर्व कार्यकाल के कार्यों का सार प्रस्तुत करते हुए शेष कार्यों को पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई। दोनों को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में भविष्य की बैठकों में आमंत्रित करने का निर्णय भी किया गया।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए इकाई अध्यक्ष बाबू सिंह ने संगठन की भूमिका को उद्यमिता के परिप्रेक्ष्य में रेखांकित किया। संचालन इकाई सचिव मुकेश मुणोत ने किया। कोषाध्यक्ष बृजमोहन भाटी ने उपस्थित सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया। कार्यकारिणी सदस्य अनुपम भटनागर, कैलाश सुथार, वामिल जोशी, विक्रम सिंह, दीपक पांडे, विधांशु सोमानी, वर्धमान दोषी और चेतन चौधरी भी उपस्थित रहे।
संगठन की मजबूती के लिए रीढ़ बनना जरूरी, दर्शक नहीं
