शक के घेरे में पुलिस, ग्रामीणों का कहना हत्या कर पुलिस ने बनाई आत्महत्या की कहानी
उदयपुर। जिले के परसाद थाने में पूछताछ के लिए लाए गए युवक के आत्महत्या के मामले को मृतक के परिजनों तथा ग्रामीणों ने पूरी तरह नकार दिया है। उनका कहना है कि पुलिस की मार की वजह से युवक की मौत हुई। इस मामले में हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। इधर, पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने इस मामले में थाने के एक एएसआई तथा कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया।
बुधवार को झल्लारा निवासी अर्जुन मीणा को परसाद थाना पुलिस एक महिला के गुमशुदगी के मामले में पूछताछ के लिए थाने लाई थी। जहां उसे महिला बैरक में बंद कर दिया। पुलिस का कहना है कि उसने अपने जूते की फीतों का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। जबकि अर्जुन मीणा के परिजन ओर ग्रामीणों का कहना है कि जूते काफी पुराने थे और जिसे फीते से फांसी का फंदा लगाया जाना बता रहे हैं, उससे फांसी लगाना संभव नहीं। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने अर्जुन के साथ इतनी मारपीट की थी, जिससे उसकी मौत हो गई और अपना अपराध छिपाकर नई कहानी बताई जा रही है। उनका कहना है कि इस मामले में परसाद थाने के पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर उनके खिलाफ न्यायिक जांच कराई जानी चाहिए।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि पुलिस की पूछताछ के लिए लाए जाने वाले व्यक्ति को कपड़े उतारकर बैरक में बंद करना भी गलत है। यह बात खुद पुलिस ही बता रही है कि उसे पूछताछ के लिए लाया गया था। इधर, पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा का कहना है कि एएसआई अशोक कुमार तथा सिपाही को लाइन हाजिर कर जांच के आदेश जारी किए हैं। गुरुवार सुबह शव का पोस्टमार्टम मेडिकल कमेटी के जरिए कराया गया। उसकी रिपोर्ट का इंतजार है। उससे पता लग जाएगा कि उसकी मौत फांसी की वजह से हुई या अन्य कारण रहे।
थाने में युवक के आत्महत्या मामले में एएसआई तथा सिपाही को किया लाइन हाजिर
