गैर संचारित रोगों पर नियन्त्रण के लिए निःषुल्क बी.पी. शुगर जांच एवं परामर्ष षिविर का आयोजन
चित्तौड़गढ। प्रयास द्वारा सामाजिक सुरक्षा परियोजना अन्तर्गत जिले के चित्तौडगढ विकास खण्ड के घटियावली, उदपुरा, नेतावलगढ पाछली, एराल ग्राम पंचायत के गांवों में गैर संचारित रोगों पर नियन्त्रण के लिए दिनांक 06 से 15 नवम्बर 2025 तक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के समन्वयन में निःषुल्क बी.पी. शुगर (मधुमेह) जांच एवं सामाजिक सुरक्षा के लिए सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के परामर्श शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम समन्वयक रामेश्वर लाल शर्मा प्रयास ने बताया कि दिनांक 06 नवम्बर 2025 को ग्राम राजपुरिया, रामचैक, बडोदिया व केलझर खेडा से निःषुल्क बी.पी. शुगर (मधुमेह) जांच एवं सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए परामर्ष षिविरों शुभारंभ कर खरडी बावडी, बीडघास, घटियावलीखेडा, भेरूसिंह जी का खेडा एवं गढवाडा में किया गया तथा दिनांक 10 से 15 नवम्बर 2025 तक नेतावल गढ पाछली, धराना, चित्तोैडी, बृसिंह गुढा, खेरी, चैनपुरिया, नल्दा, केसरपुरा, बीडघास, एराल एवं उदपुरा में षिविरों का आयोजन किया जाएगा। प्रतिदिन आयोजित होने वाले इन षिविरों में गांव के जनप्रतिनिधी एवं प्रबुद्व नागरिकों सहित अनेक महिला-पुरूष अपनी बी.पी. शुगर की जांच करवायी हेै। आमजन से अपील है कि प्रत्येक 30 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति को बी.पी. और शुगर जैसी खतरनाक और पूरे जीवन चलने वाले रोगों से बचने के लिए बी.पी. नपवाकर और शुगर की जांच अवष्य करवा लेनी चाहिए। क्योकि इन बीमारियों का आसानी से पता नही लगता और जब पता लगता है तो बहुत देर हो चुकी होती है। इसलिए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार 30 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति को बी.पी. और शुगर की जांच करवाना आवष्यक है। इसके लिए इन गांवों में निःषुल्क केम्प का आयोजन किया जा रहा है। गैर संचारित रोगों पर नियंत्रण के लिए 30 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक व्यक्ति की निःषुल्क स्वास्थ्य जांच कराने में सहयोग प्रदान करें।
सामुदायिक स्वास्थ्य वैज्ञानिक डाॅ. नरेन्द्र गुप्ता, प्रयास ने बताया कि आजकल गांव-गांव में बी.पी. और शुगर कि बीमारियां बढती जा रही है। अधिकतर लोग इसके बारे में तब तक कोई कुछ नही करते जब तक कि इन बीमारियों से व्यक्ति गंभीर बीमार नही हो जाए। इसके लिए सभी को पता होना चाहिए कि जिनका बी.पी. और शुगर बढ हुआ होता है उनको कभी भी लकवा हो सकता है, कभी भी हार्ट अटेक आ सकता है और दमा जैसे रोग बढ सकते है। अगर समय रहते चेत जाए तो ये चुपचाप से होने वाली बीमारियों को रोककर बिना किसी रोग के लम्बी उम्र तक स्वस्थ्य जीवन जीया जा सकता है। उन्होने कहा कि हार्ट अटेक और लकवा जैसी गंभीर बीमारियो को रोकना है तो सभी को अभी से सम्भलना होगा। हमारे गांव में कोई भी व्यक्ति रोगग्रस्त नहीं हो इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को सजग होना आवष्यक है। मनुष्य के शरीर में बीपी या शुगर होने के कारण वो काम नहीं कर पाता जिससे वह अपनी क्षमता खो देता है और वह लंबे समय तक जी नहीं पता है। बीपी एवं शुगर जैसी बीमारियां फैलने का मुख्य कारण हमारे जीवन शैली में बदलाव है। उन्होंने कहा कि हमारे शरीर में खून की नलियों में कैस्ट्रॉल जम जाता है जिसके कारण खून तेज गति से शरीर में नहीं जा पाता है जिसके कारण बीपी बढ़ जाती हैं। शरीर में बीमारी ना हो इसके लिए खान-पान का ध्यान रखना चाहिए। गांव में संचारी एवं गैर संचारी रोग की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रम संचालित किये जा रहे है। डाॅ. गुप्ता ने कहा कि शराब, तम्बाकू, गुटखा, चिप्स, कुरकुरे, खुले मसाले का उपयोग नही करना चाहिए क्योंकि इससे बीपी शुगर जैसी जानलेवा बिमारियों का खतरा बढ़ जाता है, इससे बचाव के लिए प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट शारीरिक व्यायाम करना, घर पर बने मसाले का उपयोग, खाने में सलाद का उपयोग, कम नमक खाना चाहिए और नशे से दूर रह कर हमारे स्वास्थ्य बेहतर बनाना होगा। इन स्वास्थ्य जांच षिविरों में संबंधित गांव की आषा सहयोगिनी, ए.एन.एम, सीएचओ प्रयास से माधव लाल मेघवाल, रामचंद्र भील सहित गांव के जन अधिकार प्रहरियों एवं जागरूक व्यक्तियों द्वारा संदर्भ सेवाएं प्रदान की जा रही है।
