उदयपुर, 5 अगस्त। श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक श्रीसंघ के तत्वावधान में मालदास स्ट्रीट स्थित आराधना भवन में चातुर्मास कर रहे पंन्यास प्रवर निरागरत्न जी म.सा. ने सोमवार को धर्मसभा में कहा कि सद्गुणों की प्राप्ति एवं पाप कर्मों की उदीरणा यानी बैंलेंस में रहे कर्मों को खींच कर लाकर भुगतना, उसके लिए गोल्डन समय है मानव जन्म। इसी जन्म में हम कर्मों से मुक्त होने की साधना कर सकते हैं। प्रवचन श्रवण के तीन उद्धेश्य है-पहला मनोरंजन-स्टोरी, जोक्स सुन कर खुश होना, मनोमंथन-प्रवचन के पोइंटस के साथ टेली करो कि हम कहां है? और तीसरा मन परिवर्तन-मन चेंज हो जाएगा तो वचन और काया को चेंज होने मंे समय नहीं लगेगा। आज हम संकल्प करें कि हमारे सद्गुणों की बाधक बने ऐसी सामग्री की मांग हम नहीं करेंगे। चातुर्मास संयोजक रवि मुर्डिया ने बताया कि पंन्यास प्रवर कर्म विषय पर सारगर्भित प्रवचन फरमा रहे हैं। बाहर से दर्शनार्थियों के आने का क्रम निरन्तर बना हुआ है। साथ ही त्याग व तपस्याओं की लड़ी भी निरन्तर जारी है।
मन चेंज हो जाएगा तो वचन और काया को चेंज होने मंे समय नहीं लगेगा : निरागरत्न
