डूंगरपुर नगर परिषद का अंधविश्वासी, : हकीकत कैचमेंट श्रेत्र में अवैध निर्माण
जुगल कलाल
डूंगरपुर, 22 जून। नगर परिषद डूंगरपुर का एक चौंकाने वाला और अंधविश्वास से जुड़ा निर्णय इन दिनों चर्चा में है। शहर के मध्य स्थित ऐतिहासिक गैप सागर झील की पाल पर वर्षों से स्थापित भगवान शिव की प्रतिमा को नगर परिषद ने यह कहते हुए हटा दिया कि, “मूर्ति लगने के बाद से बारिश नहीं हो रही है।” पूर्व नगर परिषद बोर्ड द्वारा विधि-विधान से स्थापित यह प्रतिमा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बन चुकी थी, बल्कि शहर की सुंदरता में भी चार चांद लगा रही थी। रविवार को नगर परिषद ने बिना किसी सार्वजनिक सूचना के, आनन-फानन में मूर्ति को वहां से हटाकर बादल महल के पास रखवा दिया। परिषद के इस फैसले को अब जनता अंधविश्वास से प्रेरित मान रही है।
वास्तविक कारण जल प्रवाह में रुकावट, लेकिन दोष मूर्ति को!
डूंगरपुर शहर की प्रमुख जलस्रोत डीमिया और एडवर्ड सागर बांध हैं। इनसे गैप सागर में जल आवक होती है, मगर अब इन जल मार्गों पर अवैध निर्माण हो चुके हैं। बिलड़ी और गोकुलपुरा ग्राम पंचायतों की निष्क्रियता के कारण कैचमेंट क्षेत्र अतिक्रमण की चपेट में है। नतीजा – गैप सागर सूखने लगा है। इसके बावजूद नगर परिषद ने समस्याओं के समाधान के बजाय धार्मिक मूर्ति को ही वजह मानते हुए हटा दिया, जिससे सोशल मीडिया पर परिषद की आलोचना शुरू हो गई है।
सोशल मीडिया नगर परिषद ट्रॉल, विश्व हिंदू परिषद जताया ऐतराज
मूर्ति हटाने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एक यूज़र ने लिखा, “शिवजी को दोष देकर क्या अपनी जिम्मेदारी से बचेंगे अधिकारी?” वहीं, कई लोगों ने नगर परिषद को “अंधविश्वास का अड्डा” बताते हुए मांग की है कि पहले जल मार्गों को अतिक्रमण मुक्त किया जाए। इस लोगों ने इसे आस्था के खिलावाड़ बताया है। वही, धार्मिक आस्था को भी ठेस पहुंचाई है। इस मामले पर नगर परिषद सभापति अमृत कलासुआ ने सफाई देते हुए कहा, “कई लोगों ने कहा कि मूर्ति के कारण बारिश नहीं हो रही है, इसलिए हटवाई गई है।” जबकि विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष प्रकाश भट्ट ने तीखा ऐतराज जताया और कहा, “अगर मूर्ति गलत कारणों से हटाई गई है तो हम आंदोलन करेंगे।”
विशेषज्ञ बोले – ये निर्णय तर्कहीन
ज्योतिषाचार्य भीमशंकर रावल ने स्पष्ट किया कि, “इसका किसी ज्योतिष या धार्मिक दोष से कोई संबंध नहीं है। बारिश नहीं होने का मुख्य कारण जल मार्गों में रुकावट और अतिक्रमण है।”