ध्रुव चरित्र से लेकर नरसिंह अवतार तक के प्रसंगों ने किया भक्तों का अंतर्मन स्पंदित
उदयपुर, 27 मई। उदयपुर शहर के ब्रह्मपुरी स्थित औदीच्य समाज धर्मशाला में भागवत सत्संग परिवार के तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का दिव्य आयोजन भक्तिमय वातावरण में प्रवाहित हो रहा है। कथा के तीसरे दिन मंगलवार को श्रद्धालु भक्तजनों ने कथा श्रवण कर भाव की ऐसी गंगा में अवगाहन किया, जहां हर मन आस्था से अभिसिंचित होता प्रतीत हुआ।
कथावाचक पं. राकेश मिश्रा महाराज ने श्रीमद्भागवत के विभिन्न प्रसंगों को अपने ओजस्वी वाणी-विलास से इस प्रकार प्रस्तुत किया कि श्रद्धालु जन एक-एक प्रसंग में खोते चले गए। ध्रुव चरित्र की निष्कलंक भक्ति, जड़ भरत की अद्भुत चेतना, अजामिल के प्रायश्चित की मार्मिक गाथा और नरसिंह भगवान के प्राकट्य की अद्भुत लीला ने समस्त वातावरण को भक्तिरस में सराबोर कर दिया।
“मैंने बांध लिया प्रेम वाला कंगना… अरे आओ आओ मोरे अंगना” जैसे भक्तिगीतों की सुमधुर प्रस्तुति पर भक्ति में लीन महिलाएं झूम उठीं। पं. मिश्रा की भावनाओं से परिपूर्ण वाणी ने कथा पांडाल को जैसे वैकुंठ धाम बना दिया।
संयोजक सुनील व्यास ने बताया कि कथा के माध्यम से धर्म, भक्ति और ज्ञान के त्रिवेणी संगम का रसपान कराते हुए पं. मिश्रा महाराज श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक उन्नयन की ओर प्रेरित कर रहे हैं। इस पावन अवसर पर शहर विधायक ताराचंद जैन, वरिष्ठ समाजसेवी किशोर मेहता, रमाकांत त्रिवेदी, सुधीर व्यास, दिनेश दवे, कीर्ति प्रकाश व्यास सहित औदीच्य समाज की अध्यक्ष इंदिरा शर्मा और ब्रजमोहन दीक्षित ने महाराजश्री का अभिनंदन किया एवं भागवतजी की आरती कर पुण्य लाभ प्राप्त किया।
“मैंने बांध लिया प्रेम वाला कंगना… अरे आओ आओ मोरे अंगना”
