राष्ट्र चेतना यज्ञ के साथ होगा हल्दीघाटी विजय सार्द्ध चतु: शती समारोह का शुभारंभ आज से

हल्दीघाटी की पुण्यधरा पर बुधवार प्रात: 8 बजे से गूजेंगे वेद मंत्र
—दोपहर बाद निकलेगी विजय संदेश यात्रा
—प्रताप गौरव केन्द्र में हल्दीघाटी युद्ध के 450वें वर्ष के उपलक्ष्य में वर्षभर होंगे आयोजन

उदयपुर, 17 जून। प्रताप गौरव केन्द्र राष्ट्रीय तीर्थ के तत्वावधान में हल्दीघाटी युद्ध के 450वें वर्ष के उपलक्ष्य में बुधवार 18 जून से हल्दीघाटी विजय सार्द्ध चतु: शती समारोह का शुभारंभ होगा। समारोह के तहत वर्ष भर आयोजन होने जा रहे हैं। प्रथम सोपान 18 जून से 25 जून तक रहेगा। प्रथम सोपान के आयोजनों का आरंभ ऐतिहासिक हल्दीघाटी में राष्ट्र चेतना यज्ञ से होगा।

वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के अध्यक्ष प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने बताया कि यह समारोह 1576 के ऐतिहासिक हल्दीघाटी युद्ध के 450वें वर्ष के उपलक्ष्य में किया जा रहा है, जो एक संपूर्ण वर्ष तक देशभर में उत्साह, गौरव और राष्ट्रचेतना के साथ मनाया जाएगा। इसमें जन—जन को जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हल्दीघाटी युद्ध केवल एक ऐतिहासिक संघर्ष नहीं, बल्कि स्वतंत्रता, आत्मबलिदान और राष्ट्रप्रेम का प्रतीक है। यह समारोह न केवल इतिहास का पुनर्पाठ है, बल्कि नई पीढ़ी को अपने गौरवशाली अतीत से जोड़ने का प्रयास भी है।

सांसद डॉ. रावत होंगे यज्ञ के मुख्य यजमान : कार्यकारिणी सदस्य चंद्रगुप्त सिंह चौहान ने बताया कि हल्दीघाटी में प्रात: 8 बजे से राष्ट्र चेतना यज्ञ होगा। इस यज्ञ में उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत मुख्य यजमान होंगे। उनके साथ उदयलाल लोहार खमनोर, तनसुख सोनी, हिम्मत सिंह खमनोर, बंशीलाल खटीक, संजय कावड़िया, नारायण गमेती, अजय तिवारी, दीपक शर्मा, शंभू गमेती व राजकुमार फत्तावत भी यजमान की भूमिका में रहेंगे। यज्ञ की पूर्णाहुति 12.15 बजे होगी और फिर उद्बोधन व महाप्रसादी होगी।

हल्दीघाटी विजय संदेश यात्रा अम्बेरी से करेगी शहर में प्रवेश, जगदीश चौक पर भव्य आरती : हल्दीघाटी विजय सार्द्ध चतु: शती समारोह संयोजक सीए महावीर चपलोत ने बताया कि दोपहर 2 बजे से हल्दीघाटी विजय संदेश यात्रा आरंभ होगी। हल्दीघाटी विजय संदेश यात्रा में मेवाड़ के आराध्य भगवान एकलिंगनाथ की झांकी, हल्दीघाटी की माटी और विजय ध्वज शामिल होंगे। यात्रा 1:30 बजे हल्दीघाटी से शुरू होगी जो क्रमशः बलीचा (2:05 बजे), लोसिंग (2:30 बजे), कड़िया (2:45 बजे), ईसवाल (3:25 बजे), अम्बेरी (4:00 बजे) पहुंचेगी। अम्बेरी से शहर प्रवेश पर शहर के गणमान्यों द्वारा भव्य स्वागत किया जाएगा। इसके बाद भुवाणा में यात्रा 4:20 बजे तथा भुवाणा गवरी चौक पर 4:25 बजे पहुंचेगी। इसके तुरंत बाद 4:30 बजे आर के सर्कल, 4:35 बजे पुलां, 4:40 बजे फतहपुरा और 4:50 बजे सुखाड़िया सर्कल पर यात्रा का स्वागत होगा। यात्रा 4:55 बजे मीरा गर्ल्स कॉलेज पहुंचेगी। इसके पश्चात क्रमशः कोर्ट चौराहा (5:10 बजे), शास्त्री सर्कल (5:15 बजे), टीआरआई सर्कल (5:20 बजे), एमबी कॉलेज (5:30 बजे), बीएन संस्थान (5:35 बजे), सेवाश्रम (5:40 बजे), जेएमबी रेस्टोरेंट (5:45 बजे), हंसा पैलेस (5:50 बजे) और नेशनल मिष्ठान्न भंडार (5:55 बजे) पर लोगों द्वारा स्वागत की तैयारियां की गई हैं। इसके बाद यात्रा 6:05 बजे नारायण सेवा संस्थान, 6:10 बजे मेनारिया गेस्ट हाउस, 6:15 बजे हिन्दू राष्ट्र चौराहा तथा 6:25 बजे माली कॉलोनी होते हुए 6:30 बजे तिलक कॉलोनी पहुंचेगी। इसके बाद आरसीए (6:35 बजे), भूपालपुरा (6:45 बजे), उदयापोल (6:55 बजे), जगदीश चौक (7:05 बजे) और हाथीपोल (7:35 बजे) पहुंचेगी। यात्रा चेतक सर्कल पर (7:40 बजे), यूआईटी (7:45 बजे), फील्ड क्लब (7:50 बजे) व देवाली (8:00 बजे) से होती हुई अपने अंतिम पड़ाव प्रताप गौरव केंद्र राष्ट्रीय तीर्थ पर रात 8:15 बजे पहुंचेगी। जगदीश चौक में भगवान एकलिंगनाथ की आरती की जाएगी और आतिशबाजी भी होगी। यात्रा के समापन पर हल्दीघाटी की माटी के कलश और ध्वज को प्रताप गौरव केन्द्र परिसर में स्थापित किए जाएगा।

प्रवेश शुल्क और वाटर लेजर शो शुल्क में रहेगी छूट : —प्रताप गौरव केन्द्र के निदेशक अनुराग सक्सेना ने बताया कि 18 जून से 25 जून तक समारोह का प्रथम सोपान होगा। इस दौरान प्रताप गौरव केन्द्र में प्रवेश शुल्क सभी वर्गों के लिए मात्र 50 रुपये रहेगा। शाम के समय होने वाले वाटर लेजर शो — मेवाड़ की शौर्यगाथा का शुल्क भी 50 रुपये ही रहेगा।

चित्रकला कार्यशाला : -समारोह के प्रथम सोपान (18 से 25 जून) के दौरान चित्रकला कार्यशाला भी होगी। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र व संस्कार भारती के सहयोग से होने वाली इस कार्यशाला में 25 चित्रकार मेवाड़ी चित्रशैली की विविधताओं को कैनवास पर उकेरेंगे, जिनमें महाराणा प्रताप का जीवन, युद्ध दृश्य एवं मेवाड़ का लोकजीवन दर्शाया जाएगा। इसमें देश के नामचीन कलाकार भी आ रहे हैं।

प्राचीन भारतीय लिपियों पर कार्यशाला : -इसी तरह, आईसीएचआर व साहित्य संस्थान राजस्थान विद्यापीठ के सहयोग से 18 जून से ही सात दिवसीय प्राचीन भारतीय लिपियों पर कार्यशाला भी शुरू होगी। कार्यशाला मुख्यतः ब्राह्मी लिपि एवं इसकी विकसित रूपों पर केंद्रित होगी। कार्यशाला की शुरुआत प्रतिभागियों को अशोककालीन ब्राह्मी लिपि से परिचित कराने एवं उसका शिक्षण देने से होगी। इस प्रशिक्षण के अंतर्गत प्रतिभागी अशोक के अभिलेखों का पठन करना भी सीखेंगे।

पूरे वर्ष होंगे आयोजन, प्रत्येक राज्य और जिले में पहुंचेगी प्रताप गाथा : —वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति के महामंत्री पवन शर्मा ने बताया कि समारोह वर्ष भर चलेगा और इसके अंतर्गत सभ्यता अध्ययन केन्द्र, नई दिल्ली के सहयोग से देश के हर राज्य में हल्दीघाटी युद्ध पर संगोष्ठियों की योजना बनाई गई है। इसी क्रम में राजस्थान के प्रत्येक जिले में संगोष्ठियों का आयोजन भी प्रस्तावित है। विद्यालयों और महाविद्यालयों में भी शैक्षणेत्तर गतिविधियों के रूप में चित्रकला, रंगोली, भाषण व आशुभाषण प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी ताकि युवाओं में महाराणा प्रताप के चरित्र और मूल्यों का समावेश किया जा सके। इस वर्ष का दिवेर विजय महोत्सव भी इस समारोह का अभिन्न हिस्सा होगा। समारोह का विराट समापन अगले वर्ष 18 जून 2026 को होगा। प्रेसवार्ता में वन-वे विजन पोस्टर का भी विमोचन किया गया।

By Udaipurviews

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