डीजीपी श्री राजीव शर्मा ने डूंगरपुर में ली रेंज स्तरीय समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री की मंशाओं के अनुरूप प्रदेश भर में पुलिसिंग की हो रही सख्त निगरानी
जयपुर 25 अगस्त। प्रदेश में कानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने और पुलिसिंग में पारदर्शिता लाने के लिए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की मंशा के अनुरूप पुलिस विभाग पूरी तरह एक्शन मोड में है। पुलिस महानिदेशक श्री राजीव कुमार शर्मा ने इसी कड़ी में प्रदेशभर में रेंज-स्तरीय समीक्षा बैठकों की शुरुआत की है। गत सप्ताह भरतपुर में पहली बैठक के बाद सोमवार को उदयपुर रेंज की अहम समीक्षा बैठक डूंगरपुर पुलिस लाइन सभागार में हुई। करीब 8 घण्टों तक चली इस मैराथन बैठक में क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति, अपराध नियंत्रण, पुलिसिंग की गुणवत्ता, साइबर क्राइम, लंबित आपराधिक प्रकरणों पर की जा रही कार्यवाही, विशिष्ट अभियानों के संचालन, नवीन आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन सहित विभिन्न विषयों की समीक्षा कर महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए।
झूठे प्रकरण दर्ज कराने वालों पर नियमानुसार कार्यवाही हो : डीजीपी श्री शर्मा ने बैठक में कहा कि गत वर्षों में देखा गया है कि प्रदेश में गंभीर धाराओं में दर्ज होने वाले कई प्रकरण झूठे पाए जा रहे हैं। इस तरह के झूठे केसों से न केवल पुलिस का समय बर्बाद होता है बल्कि राज्य की छवि भी खराब होती है। उन्होंने यह भी कहा कि दर्ज होने वाले प्रत्येक प्रकरण में पुलिस बिना किसी पूर्वाग्रह के पूरी ईमानदारी से जांच करे, आरोप सही पाए जाने पर त्वरित कार्यवाही सुनिश्चित करे । यदि कोई केस झूठा पाया जाता है, तो तुरंत संबंधित व्यक्ति पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए।
शराब जब्ती की कार्यवाही की समीक्षा कर रिपोर्ट दें: : उन्होंने बैठक में पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि हरियाणा और पंजाब से आने वाली अवैध शराब के कारोबार पर लगाम लगाने के लिए पूरी सतर्कता के साथ कार्यवाही करें, केमिकल सप्लायर पर नजर रखें तथा दोषियों की संपत्ति अटैचमेंट की कार्यवाही करें। उन्होंने अवैध शराब के प्रकरणों पर कहा कि वर्ष 2024-25 के प्रकरणों में जब्ती की कार्यवाही की सूची बनावें और शराब तस्करी के तंत्र की अपने स्तर पर समीक्षा कर सात दिनों में प्राप्त निष्कर्ष की जानकारी आईजी को उपलब्ध करावें।
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के निर्देश: : समीक्षा बैठक में डीजीपी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु अत्यंत दुखद है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पुलिस को ऐसे ठोस प्रयास करने होंगे, जिनसे दुर्घटनाओं में कमी आए और जनहानि को रोका जा सके। डीजीपी ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि अपने-अपने क्षेत्रों में ब्लैक स्पॉट्स चिन्हित करें और यह सुनिश्चित करें कि इन स्थलों पर दोबारा दुर्घटना न हो। उन्होंने कहा कि सड़कों पर रिफ्लेक्टर लगाए जाएं, झाड़ियों की कटाई की जाए और ज़ेब्रा लाइन बनवाए जाएं, ताकि दुर्घटनाओं की संभावना न्यूनतम हो। उदयपुर एसपी योगेश गोयल ने राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए की कार्यवाही की जानकारी दी तो डीजीपी ने ऐसे छोटे-छोटे सुधारों को अनुकरणीय बताया। इसके साथ ही उन्होंने ओवरलोडिंग और ओवरस्पीडिंग पर अंकुश लगाने तथा ड्रिंक एंड ड्राइव के मामलों में सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।
अपराधियों पर निगरानी रखने के निर्देश: : डीजीपी ने हार्डकोर अपराधियों, हिस्ट्रीशीटरों और पहले पकड़े गए या चिन्हित किए गए अपराधियों पर कड़ी निगरानी रखने को कहा ताकि अपराध की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने कहा कि कोई अपराधी जेल से छूटने या बरी होने के बाद फिर से कोई अपराध करता है, तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित पुलिस अधिकारियों की होगी। सभी थानाधिकारियों को ऐसे अपराधियों पर सख्त निगरानी रखने के निर्देश दिए गए।
साइबर क्राइम पर फोकस : डीजीपी ने आईटी एक्ट व साइबर क्राइम के मामलों पर बिना देरी किए त्वरित गति से कार्यवाही के निर्देश दिए। उन्होंने हर जिले में स्थापित की गई साइबर डेस्क की कार्यप्रणाली की जानकारी लेकर दर्ज प्रकरणों और आम जनों को दी गयी राहत की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि कम से कम तीन लोगों को साइबर अपराध से निपटने के लिए उचित प्रशिक्षण दिया जाए ताकि तकनीक का उपयोग कर प्रभावी कार्रवाई कर राहत दी जा सके।
डूंगरपुर एसपी की सराहना की :: डूंगरपुर जिले की समीक्षा दौरान एसपी मनीष कुमार ने जिले में लागू किये गए नवाचारों ‘ऑपरेशन संस्कार’ के तहत रील्स तैयार करने व सोशल मीडिया के इस्तेमाल कर जनजागृति पैदा करने की जानकारी दी तो डीजीपी शर्मा ने इसकी सराहना करते हुए अनुकरणीय बताया।
कई विषयों की समीक्षा हुई: : डीजीपी ने न्यायालय में लंबित मामलों के संबंध में निर्देश दिए कि माननीय न्यायालय को भेजे जाने वाले जवाब पूर्णतया सही, तथ्यात्मक, त्वरित और गुणवत्तायुक्त हो। इसी प्रकार उन्होंने कानून-व्यवस्था, संपत्ति व शरीर संबंधी अपराध, विशिष्ट अपराधों में लिए गए फिंगरप्रिंट/चांस प्रिंट, आईपीसी/बीएन्स के तहत दर्ज प्रकरण, गंभीर प्रकृति के अनसुलझे मामलों, महिला अत्याचार, पोक्सो एक्ट, आबकारी अधिनियम, एनडीपीएस एक्ट, अवैध फायर आर्म्स आदि के संबंध में जिलेवार समीक्षा की और इनकी प्रगति के संबंध में की गयी कार्यवाही की जानकारी लेकर महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) के तहत आने वाले मामलों के समयबद्ध तरीके से निपटारा करने के निर्देश दिए। उन्होंने फोरेंसिक और ई एविडेंस लेने, नए आपराधिक कानूनों के प्रति जागरूकता पैदा कर प्रभावी इस्तेमाल की बात कही। उन्होंने वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ-साथ निरोधात्मक कार्रवाई करने पर भी जोर दिया गया।
डूंगरपुर पुलिस लाइन सभागार में आयोजित की गई इस बैठक में आईजी उदयपुर रेंज श्री गौरव श्रीवास्तव और डीआईजी (कार्मिक) व डीजीपी के प्रिंसिपल स्टाफ ऑफिसर श्री कुंवर राष्ट्रदीप भी शामिल हुए। बैठक के आरंभ में आईजी श्रीवास्तव ने स्वागत करते हुए उदयपुर रेंज के समग्र पुलिस परिदृश्य को प्रस्तुत किया। बैठक में उदयपुर, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़ और डूंगरपुर जिलों के एसपी, एएसपी, डिप्टी और एसएचओ सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
इससे पूर्व डीजीपी श्री शर्मा के डूंगरपुर पहुंचने पर गार्ड ऑफ ओनर दिया गया। डूंगरपुर एसपी मनीष कुमार ने डीजीपी की अगवानी की।