विनोद और हर्ष दिवस के रूप में पर्युषण पर्व का मनाया चौथा दिन

बिना प्रमोद और बिना हर्ष के साथ किया गया कर्म कभी सफल नहीं होताःसुकनमुनि
उदयपुर। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रमण संघ की ओर से सिंधी बाजार स्थित पंचायती नोहरे में श्रमण संघीय प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज के सानिध्य में पर्यूषण महापर्व का चौथा दिन विनोद और हर्ष दिवस के रूप में मनाया गया।
महामंत्री एडवोकेट रोशन लाल जैन ने पर्युषण महापर्व के अंतर्गत हो रहे विभिन्न धार्मिक एवं मांगलिक कार्यक्रमों एवं उनकी व्यवस्थाओ के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पर्युषण महापर्व में धर्म लाभ लेने के लिए उदयपुर संहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पंचायती नोहरे में आ रहे हैं। डॉ. वरुण मुनि द्वारा अतंगढ सूत्र महा ग्रंथ का अनवरत वाचन किया जा रहा है। पर्यूषण महापर्व में सूर्याेदय के समय बराबर जाप आराधना चल रही हैं। तेला तप और अखंड जाप भी श्रद्धालुओ द्वारा किए जा रहे हैं। घर घर में 12 घंटे के जाप भी हो रहे हैं।
पर्युषण महापर्व के चोथे दिन धर्म सभा में सुकन मुनि जी महाराज ने कहा कि जीवन में कोई भी कार्य करो, धर्म प्रभावना करो हर्ष और प्रमोद के साथ करना चाहिए। बिना प्रमोद और बिना हर्ष के साथ किया गया कर्म कभी सफल नहीं होता है। धर्म प्रभावना के तहत चाहे आप तप करें, उपवास करें, धर्म ध्यान करें या दान पुण्य करें, उसे प्रमोद और हर्ष के साथ करना चाहिए। बेमन और निराशा के भाव के साथ कभी यह कार्य नहीं करें। हर्ष भाव के साथ ही त्याग की भावना रखे। जिसके जीवन में हर्ष और प्रमोद होता है उसके जीवन में आनंद और मंगल की प्राप्ति होती है। अगर प्रभु की आराधना में भी हर्ष और प्रमोद की भावना नहीं होती हे तो वह आराधना के सफल नहीं होती है।
धर्म सभा में कृष्ण गुणगान करते हुए मुनिश्री ने कहां कि जन-मानस उन्हीं को स्थान और सम्मान देता है, जिनके जीवन में वैशिष्ट्य रहा हो। किसी के मन में धर्म आराधना का पवित्र भाव यदि जागृत हो गया तो उसे हर्षाेल्लास और होते साथ ही संपन्न करें।इस तरह से अपने जीवन में हमेशा हर्ष और प्रमोद को स्थान दे और अपने जीवन को खुशहाल बनाएं।

By Udaipurviews

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