एक सॉरी बदल देगी ज़िंदगी की थ्योरी -मुनि सुरेश कुमार
उदयपुर. तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य मन्हाश्रमण के आज्ञानुवर्ती शासनश्री मुनि सुरेश कुमार ने प्रज्ञा शिखर महाप्रज्ञ विहार में क्षमायाचना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा – मन की गाँठे खुली तो क्षमायाचना का सरोकार है वरना यह केवल शब्दों का व्यापार बन कर रह जाएगा , क्षमा वही कर सकता है जिसे कर्म बंधन का भय हो , अतीत का अनुशीलन करने वाले ही अपने रास्तों को सहज बना सकता है क्षमायाचना के बाद भी अगर मन में किसी के लिए जरा सा भी वैर का अंश रह जाये तो नारकीय जीवन की आहट साफ़ सुनाई देगी
मुनि संबोध कुमार मेधांश ने कहा- अच्छी बातें याद रहे ना रहे किसी की कही हुई बुरी बात रोज़ मन में कसक पैदा करती है , एक अहंकार ही है जो हमे झुकने नहीं देता , हम झुकने की आदत डाले तो माफ़ी माँगना और माफ़ करना आसान हो जाएगा , भूलों को भुलाने के इस पुनीत पर्व पर हम जिनसे वाक़ई अनबन हुई है उनसे ज़रूर क्षमायाचना करें ,ये नहीं हुआ तो हमारी क्षमायाचना अधूरी रह जाएगी
मुनि सिद्धप्रज्ञ ने कहा-क्षमा वीरो का आभूषण है। जो क्षमा लेना नही जानता वह उदण्ड होता है और जो देना नही जानता वह अंहकारी होता है।क्षमा मांगने से मनुष्य छोटा नही बड़ा और महान बन जाता है। दिल्ली के लोह स्तम्भ में अभी तक जंग नही लगी कारण उस लोहे में से सोडियम ओर फास्फोरस ये दो तत्व निकाल दिए गए है,काश हमारे चेतना के आकाश से भी यदि राग द्वेष ये दो तत्व निकाल देते तो फिर पाप की ,वैर की जंग नही लगती।
इस पावन अवसर पर मुनिवृन्द ने आचार्य प्रवर,समस्त साधु -साध्वियों, जैन समाज के सभी चारित्र आत्माओं , जैन व तेरापंथ की संस्थाओं , उपस्थित श्रावक – श्राविकाओं से अन्तःकरण से खमत्त ख़ामणा किया
इस अवसर पर ध्रुव सिंघवी, प्रेक्षा मादरेचा, सुबोध दुग्गड, ज्योति नाहर ने प्रतिक्रमण कर क्षमायाचना की, सौभाग नाहर, कांता जैन ने भाव पूर्ण विचारों से क्षमायाचना की
सुनीता जैन चंद्रा पोखरणा ने की डिजिटल अठाई