उदयपुर के आस पास क्षेत्र में आदमखोर पैंथर के लगातार हमलों से हुई मौतों पर 5 – 5 लाख मुआवजे को लेकर पर्यावरण कार्यकर्ता प्रो महेश शर्मा ने असंतोष जाहिर किया है । महाराष्ट्र द्वारा तो केवल बुरी तरह घायल होने पर 5 लाख की क्षति पूर्ति की जाती है ,तथा स्थाई अपंगता पर 7.5 लाख व मृत्यु पर 25 लाख रुपए उत्तराधिकारी को देने का वर्तमान में प्रावधान है।
प्रो. शर्मा ने बताया कि इसी वर्ष फरवरी में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा मानव – वन्यजीव संघर्ष के मामलों में अनुदान राशि भुगतान में वृद्धि की जानकारी दी है तथा संशोधित दरों के अनुसार मनुष्य की मृत्यु या स्थाई अक्षमता पर 10 लाख रुपए अनुग्रह राशि के रूप में तय की गई है वहीं गंभीर चोट पर 2 लाख रुपए तथा छोटे घाव पर उपचार के लिए 25000/- रुपए तक निर्धारित की है। इतना ही नहीं फसल तथा संपत्ति ( हाथियों द्वारा) नुकसान पर भी केंद्र द्वारा राज्य के निर्धारित मापदंड के अनुरूप क्षतिपूर्ति की अनुशंसा की गई है ।
उल्लेखनीय है कि विभिन्न राज्यों द्वारा तो जंगली जानवरों के हमलों के कारण मृत्यु अथवा घायल होने पर बहुत अधिक क्षति पूर्ति का प्रावधान है । कर्नाटक में इसी वर्ष से क्षतिपूर्ति को दुगुना किया गया है । वन्यजीव संघर्ष में मृत्यु होने पर पूर्व में 7.5 लाख रुपए का प्रावधान था जिसे इस वर्ष बढ़ा कर 15 लाख किया गया है । राजस्थान में भी इसे नियमानुसार न्यूनतम 10 लाख तो देना चाहिए।