सांसद डॉ रावत की मांग पर यूडीए में हुई वित्तीय अनियमितताओं की जांच होगी, 30 दिन के भीतर रिपोर्ट मांगी

सांसद डॉ रावत के पत्र को मुख्यमंत्री व नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री ने भी गंभीरता से लिया
-सांसद ने कहा-यह मामला कई हजार करोड के घोटाले का निकल सकता है
उदयपुर। उदयपुर विकास प्राधिकरण में हुए वित्तीय अनियमितताओं की जांच को लेकर सांसद डॉ मन्नालाल रावत द्वारा लिखे गए पत्र पर राजस्थान सरकार के वित्त विभाग (अंकेषण अनुभाग) के संयुक्त शासन सचिव भवानी सिंह मीणा ने स्थानीय निधि अंकेषण विभाग के निदेशक को जांच करने के निर्देश जारी किए हैं।
उल्लेखनीय है कि सांसद मन्नालाल रावत ने यूडीए में हुए घोटालों को लेकर विस्तृत पत्र मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा व नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग मंत्री को भी पत्र लिखा था जिसमें वर्ष 2022-24 के लेखा अंकेक्षण करवाने का आग्रह किया था। इस पर सरकार ने गंभीरता से कार्रवाई करते हुए इस मामले में अधिकारियों को शीघ्र जांच के निर्देश दिए हैं। संयुक्त शासन सचिव ने विस्तृत जांच करवाकर रिपोर्ट वित्त विभाग को 30 दिन के भीतर भेजने के निर्देश दिए हैं।
सांसद डॉ रावत ने पत्र में बताया कि राज्य सरकार द्वारा उक्त वित्तीय अनियमितताओं की गम्भीरता को दृष्टिगत रखते हुए तत्कालीन उदयपुर विकास प्रन्यास के सचिव नितेन्द्रपाल सिंह एवं राजेश जोशी को निलम्बित किया जा चुका है। इन दो अधिकारियों के अतिरिक्त 6 अन्य अधिकारियों के नाम भी अंकेक्षण रिपोर्ट में उत्तरदायी माने गए हैं।
इस प्रकरण में स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग की जांच नमूना आधारित (टेस्ट ऑडिट) एवं एक सीमित समय अवधि की थी, जिससे मात्र 1000 करोड़ रुपये की अनियमितता ही उजागर हो पाई। जबकि यदि प्रकरण की विस्तृत पूर्ण अवधि की विशेष जांच ऑडिट की जाती है तो यह अनियमितता कई हजार करोड़ तक पहुंचने की पूर्ण सम्भावना है।
डॉ रावत ने बताया कि नाथद्वारा नगर पालिका में हुए घोटालों में विशेष अंकेक्षण (स्पेशल ऑडिट) कराये जाने का निर्णय लिया था। इसी अनुरूप उदयपुर विकास प्राधिकरण में हुए घोटालें की भी विशेष अंकेक्षण (स्पेशल ऑडिट) कराई जानी चाहिए। सांसद डॉ रावत की मांग पर वित्त विभाग की ओर से निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

By Udaipurviews

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