—फिल्म बनाने के नाम पर उदयपुर के डॉक्टर से 30 करोड़ की ठगी का आरोप
—फिल्म निर्माण के नाम पर फर्जी वेंडरों को पेमेंट
उदयपुर, 7 दिसंबर : राजस्थान पुलिस ने फिल्म निर्माण से जुड़े एक बड़े वित्तीय विवाद में रविवार को अहम कार्रवाई करते हुए प्रसिद्ध डायरेक्टर विक्रम भट्ट को मुंबई के यारी रोड क्षेत्र से हिरासत में लिया है। यह गिरफ्तारी उदयपुर के एक डॉक्टर एवं उद्योगपति द्वारा दर्ज कराई गई उस शिकायत के बाद हुई, जिसमें 30 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था। पुलिस टीम ने फिल्ममेकर को उनकी साली के गंगा भवन अपार्टमेंट स्थित निवास से पकड़ा। अब पुलिस उन्हें ट्रांजिट रिमांड के लिए बांद्रा कोर्ट में पेश कर उदयपुर ले जाने की तैयारी कर रही है।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब इंदिरा ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमुख डॉ. अजय मुर्डिया ने 17 नवंबर को फिल्ममेकर सहित कुल आठ लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया। पुलिस के अनुसार अजय मुर्डिया की मुलाकात एक इवेंट के दौरान दिनेश कटारिया नामक व्यक्ति से हुई, जिसने डॉक्टर की पत्नी की बायोपिक बनाने का प्रस्ताव दिया। दावा किया गया कि फिल्म के जरिए उनकी सामाजिक योगदान की कहानी राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाई जाएगी।
इसके बाद 24 अप्रैल 2024 को डॉक्टर को मुंबई के वृंदावन स्टूडियो बुलाया गया, जहां उनकी मुलाकात फिल्ममेकर से कराई गई। यहीं से बायोपिक और आगे चलकर दो अन्य फिल्मों पर बातचीत आगे बढ़ी। फिल्ममेकर ने बताया कि उनकी पत्नी और बेटी भी फिल्म प्रोडक्शन से जुड़ी हैं और उनकी पत्नी की फर्म VSB LLP को प्रोजेक्ट का साझेदार बनाया गया। दोनों पक्ष ‘बायोनिक’ और ‘महाराणा’ नाम से दो फिल्मों के लिए 40 करोड़ रुपए पर सहमत हुए।
डॉक्टर ने 31 मई को 2.5 करोड़ रुपए RTGS के जरिए भेजे। इसके बाद और फिल्मों के प्रस्ताव के साथ 7 करोड़ रुपए की अतिरिक्त मांग सामने आई। शिकायत में आरोप है कि फिल्ममेकर और उनकी पत्नी के निर्देश पर कई वेंडरों को ऑनलाइन पेमेंट कराया गया, जिनमें से कई बाद में फर्जी निकले। जांच में सामने आया कि इन वेंडरों में कुछ पुताई का काम करने वाले या ऑटो चालक थे। आरोप है कि इन खातों में गई राशि का बड़ा हिस्सा बाद में फिल्ममेकर की पत्नी के खाते में ट्रांसफर कर दिया गया।
मामले की गंभीरता देखते हुए 29 नवंबर को पुलिस ने फिल्ममेकर, उनकी पत्नी समेत छह आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था। सभी को 8 दिसंबर तक पुलिस के सामने पेश होने का नोटिस भी दिया गया था।
हालाँकि फिल्ममेकर ने मीडिया से कहा था कि उन्हें किसी नोटिस की जानकारी नहीं मिली है और पूरा मामला उन्हें झूठे आरोपों जैसा प्रतीत होता है। उनका कहना था कि ईमेल व कॉन्ट्रैक्ट के रूप में वे अपने पक्ष के प्रमाण देने को तैयार हैं। इससे पहले पुलिस ने 18 नवंबर को इस प्रोजेक्ट से जुड़े को-प्रोड्यूसर और एक वेंडर को गिरफ्तार किया था। मामले की जांच जारी है।
