राजस्थान मिशन-2030
सार्वजनिक निर्माण विभाग की परामर्श बैठक
हितधारकों, जनप्रतिनिधियों, अभियंताओं ने खुल कर दिए सुझाव
उदयपुर, 12 सितंबर।राजस्थान को देश का अग्रणी राज्य बनाने की मंशा से मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की पहल पर शुरू किए गए राजस्थान मिशन – 2030 के तहत सार्वजनिक निर्माण विभाग संभाग-प्रथम उदयपुर की ओर से विजन दस्तावेज तैयार करने हितधारकों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों की परामर्श बैठक मंगलवार को जिला परिषद सभागार में आयोजित हुई।
मुख्य अभियंता (क्वालिटी) सार्वजनिक निर्माण विभाग जयपुर, मुकेश भाटी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित बैठक में सर्वप्रथम अतिरिक्त मुख्य अभियंता, उदयपुर अशोक शर्मा ने आगंतुकों का स्वागत करते हुए राजस्थान मिशन-2030 की जानकारी दी। विभाग की ओर से विशेष रूप से तैयार वीडियो फिल्म का प्रदर्शन किया गया। अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्री शर्मा ने प्रदेश में स्वतंत्रता के बाद से अब तक सड़क तंत्र की विकास यात्रा का पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुतीकरण किया।
मुख्य अभियंता श्री भाटी ने राजस्थान मिशन को राज्य सरकार की अभिनव पहल बताते हुए सभी हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किए। साथ ही उन्होंने सुझावों को समेकित कर विभागीय विजन दस्तावेज में शामिल किए जाने तथा राज्य स्तरीय दस्तावेज के लिए प्रेषित किए जाने का आश्वासन दिया। बैठक में अधीक्षण अभियंता ग्रामीण अनिल गर्ग, अधीक्षण अभियंता चित्तौडगढ आरएस बैरवा, गिर्वा प्रधान सज्जन कटारा, कांट्रेक्टर एसोसिएशन राजस्थान के अध्यक्ष बीएस राव सहित नगर निगम, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंतागण, हितधारक आदि मौजूद रहे।
यह प्राप्त हुए सुझाव
बैठक में संभागियों ने वन क्षेत्र में आने वाली सड़कों के निर्माण से पूर्व प्राथमिकता के आधार पर स्वीकृति प्राप्त किए जाने, रोड सेफ्टी एवं ब्लेक स्पॉट पर विशेष ध्यान दिए जाने, प्रदेश के समस्त गांवों को पक्की सड़क से जोड़ने, खनन क्षेत्र में स्थित सड़कों को वास्तविक भार के आधार पर डिजाइन कराई जाने, ताकि सड़कों का निर्माण एवं संधारण उचित तरीके से हो सके, सड़क निर्माण से पूर्व आवश्यक भूमि का अधिग्रहण किए जाने के सुझाव दिए। इसी प्रकार सड़क सुरक्षा की दृष्टि से विभिन्न गांवों से गुजर रहे हाइवे पर पशुओं के आवागमन के लिए अण्डरपास का निर्माण कराए जाने, सड़कों का रखरखाव समुचित रूप से करने के लिए आधुनिक तकनीकी आधार पर विभिन्न श्रेणी की सड़कों की प्राथमिकता तय कर चरणबद्व रूप से सड़कों का नवीनीकरण किए जाने, सभी धार्मिक स्थल एवं पर्यटन स्थल तक पहुंचने वाली सड़कों की चौडाई कम से कम डबल लेन रखी जाए, सड़क संकेतकों के बारे में स्कूल स्तर से ही विद्यार्थियों को बताया जाए, ग्रामीण क्षेत्रों में विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों की सड़कों पर रपट एवं छोटी पुलिया के स्थान पर हाई लेवल ब्रिज बनाया जाए, ताकि बारिश के दौरान यातायात निर्बाध चल सके इत्यादि सुझाव भी दिए गए।
प्रदेश का हर गांव जुडे़ पक्की सड़क से, सुरक्षा सड़क पर हो फोकस
