वरिष्ठ सुरों की मंडली की संगीतमय संध्या ’दर्द का दरिया’ में सदाबहार गीतों ने छू लिया दिल

उदयपुर। शहर के मधुश्री बैंक्वेट हॉल में वरिष्ठ सुरों की मंडली द्वारा बुधवार देर रात ’दर्द का दरिया’ नामक संगीतमय संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें शहर के 32 वरिष्ठ गायक सदाबहार दर्द भरे फिल्मी गीतों की प्रस्तुतियों से श्रोताओं का मन मोह लिया।
सुरों की मंडली के संस्थापक मुकेश माधवानी ने बताया कि कार्यक्रम में हेमा जोशी ने ’मैंने चांद और सितारों की तमन्ना की थी’, मुकेश माधवानी ने ’दिल को आज जरा सा आराम देंगे’, अजय राठौड ने ’मैं शायर बदनाम’, राजकुमार बाफना ने ’ओ दूर के मुसाफिर’, क्वीना मेरी ने ’दुश्मन ना करे दोस्त ने वो काम किया है’, एच. क़ाज़ी ने ’ये दुनिया ये महफिल मेरे काम की नहीं’, मधु शर्मा ने ’नीला आसमा सो गया’, बृजलाल सोनी ने ’है इसी में प्यार की आबरू’, और सीपी जैन ने ’हम तुमसे जुदा हो के’ जैसी भावपूर्ण प्रस्तुतियां देकर माहौल को गीतमय बना दिया।
इनके अलावा कमल जुनेजा, विश्वा पंड्या, लक्ष्मी आसवानी, सुधा कोठारी, एस. के. मेहता, संदीप बंसल, राजकुमार दीक्षित, सुधीर दत्त व्यास, ललित कुमार जैन, अंबालाल साहू, विजय राजपूत, अशोक पेरियानी, नरेश शर्मा, दयाराम सुथार, सुरेंद्र व्यास, अरुण चौबीसा, रमेश दतवानी, वृंदा शर्मा, एस डी कौशल, अजीत सिंह खींची, गिरीश तलदार, नीलम कौशल, चंद्र सिंह सांखला और सुरेंद्र दक ने भी दर्द भरे गीतों के रंग बिखेरे।
कार्यक्रम के दौरान मंडली की प्रभारी क्वीना मेरी का जन्मदिन भी केक काटकर मनाया गया और उनके दीर्घायु जीवन की शुभकामना दी गई।  इस आयोजन को सफल बनाने में मंडली के सभी वरिष्ठ सुर साधकों का विशेष सहयोग रहा।

By Udaipurviews

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