– कलेक्टर से बेटियों की बोली—सर “मैडम डराती हैं, हॉस्टल से निकालने की धमकी देती हैं… सर, अब आप ही बचाइए”
– डूंगरपुर के बहुउद्देश्यीय बालिका छात्रावास का मामला
जुगल कलाल
डूंगरपुर, 13 जून। सरकार आदिवासी बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर छात्रावास संचालित करती है, लेकिन कुछ वार्डन इस योजना को पलीता लगाने में जुटे हैं। डूंगरपुर जिले के बहुउद्देश्यीय बालिका छात्रावास से चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां छात्राओं को कीड़ेयुक्त भोजन परोसा जा रहा है, वहीं खाना भी घटिया क्वालिटी का दिया जा रहा है।छात्राओं के विरोध पर वार्डन मीना परमार उन्हें हॉस्टल से निकालने की धमकी देती हैं। इससे परेशान होकर छात्राएं शुक्रवार को जिला कलेक्ट्री पहुंचीं और प्रदर्शन कर कलेक्टर को आपबीती सुनाई।
छात्राओं की शिकायतों की लंबी फेहरिस्त : छात्रा अरुणा अहारी और जया भगोरा ने बताया कि छात्रावास में मेन्यू के अनुसार आज तक भोजन नहीं दिया गया। रोज कीड़े वाली दाल और अधपका चावल मिलता है। महिला वार्डन शाम 6 बजे अपने घर चली जाती हैं, जिसके बाद रात को सुरक्षा के लिए कोई चौकीदार मौजूद नहीं रहता। छात्रावास में लगे CCTV कैमरे पिछले एक साल से बंद पड़े हैं। तेल और साबुन जैसी जरूरी चीजों का वितरण समय पर नहीं होता। न तो पुस्तकालय है और न ही कंप्यूटर की सुविधा। शिकायत करने पर वार्डन उन्हें डराती है कि हॉस्टल से निकाल देगी।
छात्राओं से बनवाई जा रही रोटियां : छात्राओं ने बताया कि हॉस्टल में सिर्फ दो महिलाएं बतौर कुक-हेल्पर आती हैं, जो केवल सब्जी बनाती हैं। रोटियां छात्राओं से गुथवाकर बनवाई जाती हैं। जब छात्राएं परीक्षा की तैयारी का हवाला देकर रोटी बनाने से मना करती हैं तो वार्डन उन्हें बाहर निकालने की धमकी देती हैं।
100 के नाम पर फर्जीवाड़ा, रह रही सिर्फ 50 : छात्रावास की क्षमता 100 छात्राओं की है, लेकिन पिछले 8 महीनों से केवल 50 ही बालिकाएं रह रही हैं। छात्राओं का आरोप है कि वार्डन मीना परमार उनसे फर्जी हस्ताक्षर करवाकर 100 छात्राओं के नाम पर खर्च दिखा रही है। विभागीय अधिकारियों के निरीक्षण के बावजूद हालात जस के तस हैं, जिससे अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
विभागीय अधिकारी ने मानी कमियां, कार्रवाई का भरोसा : इस पूरे मामले को लेकर जनजाति विभाग के उपायुक्त सत्य प्रकाश कच्छवाहा ने कहा कि छात्राओं की शिकायत के आधार पर जांच कराई गई है। जांच में कई गंभीर कमियां पाई गई हैं। नियमानुसार वार्डन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।