आलोक संस्थान द्वारा विश्व साइकिल दिवस पर साइकिल रैली का भव्य आयोजन
उदयपुर, 3 जून। विश्व साइकिल दिवस के उपलक्ष्य में आज आलोक संस्थान के तत्वावधान में एक भव्य साइकिल रैली का आयोजन किया गया। इस आयोजन का नेतृत्व जाने-माने शिक्षाविद, पर्यावरण प्रेमी व साइकलिंग को जीवन शैली का अंग बनाने वाले डॉ. प्रदीप कुमावत ने किया।
यह रैली पाला गणेशजी से प्रारंभ होकर जंगल सफारी तक निकाली गई, जिसमें आलोक स्कूल हिरणमगरी की “पिछोला साइक्लिंग क्लब”, आलोक स्कूल फतेहपुरा की “फतेहसागर साइक्लिंग क्लब”, और आलोक स्कूल पंचवटी की “चेतक साइक्लिंग क्लब” के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। साथ ही बड़ी संख्या में आमजन, अभिभावकगण और पर्यावरण प्रेमियों की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही।
रैली को झंडी दिखाकर रवाना करते हुए डॉ. प्रदीप कुमावत ने कहा कि “उदयपुर शहर की भौगोलिक बनावट और नैसर्गिक सुंदरता इसे साइकिलिंग के लिए एक आदर्श स्थल बनाती है। दूधतलाई से लेकर जंगल सफारी तक का ट्रैक एक प्राकृतिक और शांत वातावरण प्रदान करता है, जिसे वन विभाग व नगर प्रशासन द्वारा सुरक्षित और सुव्यवस्थित किया जाए तो यह शहरवासियों के लिए एक आदर्श साइक्लिंग ज़ोन बन सकता है।”
उन्होंने आगे कहा कि साइकिल न केवल शारीरिक स्वास्थ्य का साधन है, बल्कि यह मानसिक संतुलन, सजगता, तनावमुक्त जीवन और सामूहिकता के विकास में भी सहायक है। यह हृदयाघात, कैंसर, मोटापा और सांस संबंधी रोगों से बचाव में कारगर है। साथ ही यह पर्यावरण संरक्षण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
रैली के दौरान ‘झील संरक्षण’, ‘पानी बचाओ’, ‘स्वस्थ रहो’, ‘दिल स्वस्थ तो हम स्वस्थ’ जैसे नारों के माध्यम से जनजागरूकता का संदेश दिया गया। छोटे-छोटे बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों तक ने साइकिल पर सवार होकर इस रैली में भाग लिया। यह रैली न केवल एक आयोजन थी, बल्कि एक अभियान थी – हर व्यक्ति को अपनी दिनचर्या में साइकिल को स्थान देने की प्रेरणा देने वाला एक सशक्त प्रयास।
इस दौरान सीसारमा क्षेत्र में रैली मार्ग पर पड़े कांटों को स्वयंसेवकों ने साफ किया ताकि साइकिल सवारों को कोई असुविधा न हो। यह अनुशासन और सामाजिक जिम्मेदारी का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है।
डॉ. प्रदीप कुमावत ने रैली के अंत में प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा “हमें साइकिल को केवल एक वाहन नहीं, एक स्वस्थ जीवनशैली के रूप में अपनाना होगा। यह न केवल हमें स्वस्थ बनाती है, बल्कि पर्यावरण और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं का समाधान भी प्रस्तुत करती है। हमें बच्चों में बचपन से ही साइकिलिंग की आदत डालनी चाहिए और इसके लिए स्कूलों व संस्थानों को आगे आना चाहिए।”
उन्होंने हेलमेट पहनकर साइकिल चलाने पर जोर देते हुए कहा कि सुरक्षा सर्वोपरि है। ईयरफोन लगाकर साइकिल चलाना दुर्घटना को निमंत्रण देना है, इससे बचना चाहिए।
गौरतलब है कि डॉ. कुमावत स्वयं साइकलिंग को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बना चुके हैं। उनके पास रोड बाइक, माउंटेन बाइक, साइक्लोक्रॉस तथा एक विशेष फोल्डिंग साइकिल है, जिसे वे शहर के भीतरी हिस्सों में कार्यक्रमों में जाते समय प्रयोग करते हैं। इससे उनका पर्यावरण प्रेम और स्वस्थ जीवनशैली के प्रति समर्पण स्पष्ट झलकता है।
इस अवसर पर डॉ. कुमावत ने सरकार से विशेष साइकिल ट्रैक निर्माण और साइकिलिंग के लिए वेलोड्रोम (Velodrome) जैसी आधुनिक संरचनाएं विकसित करने की मांग की, जिससे अधिक से अधिक लोग प्रेरित हों और साइकिलिंग को अपनाएं।
कार्यक्रम में कोमल सिंह चौहान, शशांक टांक, निश्चय कुमावत, शंभु, प्रतीक कुमावत, वीरेंद्र पालीवाल, जयपाल सिंह रावत, गणेश ओढ़, पुष्कर शर्मा, कमल व्यास, मनमोहन भटनागर, सुनील जैन , शंभु पालिवाल,कमल व्यास, संजय कुमावत, उमेश नागदा, निर्मल भट्ट, सुजीत सहित अनेक शिक्षक, अभिभावक, छात्र व समाजसेवी उपस्थित रहे।
दूधतलाई को साइकलिंग के लिए बनाया जा सकता है आदर्श स्थल – डॉ. कुमावत
