भीलवाड़ा। मांडल के प्रताप नगर में पौराणिक परंपरा के चलते दीपावली के दूसरे दिन वैशाखनंदन (गधों) की पूजा करने की प्रथा के तौर पर उनकी पारंपरिक तरीके से पूजा अर्चना कर दौड़ाने की परंपरा का आयोजन किया जाता है। ऐसी मान्यता है की यहां के कुम्हार जाति के लोगों की रोजी रोटी का माध्यम एक मात्र वैशाखनंदन (गधों) के जरिए तालाब से मिट्टी दोहन कर मिट्टी के बर्तन बनाकर उनसे अपना रोजगार चलाते थे तब से अब तक यहां के कुम्हार जाति के लोगों द्वारा दीपावली के अगले दिन इनकी पूजा अर्चना की जाती है। इसके साथ ही युवा इस दिन खूब आतिशबाजी करते हैं।ं
मांडल में हुई गधों की पूजा
