उदयपुर, 13 अगस्त। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित अन्तराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अन्तर्गत दी उदयपुर सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लि. के प्रधान कार्यालय में उदयपुर संभाग में नवगठित बहुउद्देश्शीय प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के व्यवस्थापकों के लिए समितियों के व्यवसाय विविधिकरण एवं विकास योजनाओं पर प्रशिक्षण राजस्थान सहकारी शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान जयपुर के सहयोग से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के आरंभ में अतिरिक्त रजिस्ट्रार एवं क्षेत्रिय अंकेक्षण अधिकारी आशुतोष भट्ट एवं राईसेम के संकाय सदस्य सुरेश चन्द्र चौधरी का स्वागत बैंक प्रबंध निदेशक डॉ मेहजबीन बानो ने किया। स्वागत उद्बोधन में डॉ बानो ने व्यवस्थापकों से कार्यक्रम में बताए जाने वाले नवाचारों को अपनी समितियों में लागू करने का आग्रह किया।
सहकारिता विभाग उदयपुर के विशेष लेखा परीक्षक कौटिल्य भट्ट ने अन्तराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 की कार्य योजना पर प्रकाश डाला तथा प्रतिभागियों को एमपैक्स की संरचना एवं उसकी कार्यप्रणाली पर व्याख्यान दिया । मुख्य वक्ता सुरेश चन्द्र चौधरी ने सर्वप्रथम ’सहकार से समृद्धि’ आंदोलन के तहत शामिल व्यवसाय विविधिकरण योजनाओं पर विस्तृत व्याख्यान दिया। तत्पश्चात् उन्होंने किसी भी व्यवसाय को आरंभ करने के लिए आवश्यक स्वॉट एनालिलिस के महत्व को उजागर किया। श्री चौधरी ने उदाहरणों के माध्यम से समझाया कि कैसे समितियाँ अल्पकालीन फसली ऋण के साथ-साथ खाद-बीज विक्रय, जन औषधि केन्द्र, पीडीएस, जल जीवन मिशन, ई-मित्र, कॉमन सर्विस सेन्टर एवं कृषक विकास केन्द्र का कार्य कर सकती हैं।
द्वितीय सत्र में बैंक प्रबंधक (समितियां) गणपत सोनी ने व्यवसाय विविधिकरण हेतु सहकारी बैंक की योजनाओं के बारे में जानकारी दी। श्री सोनी ने बताया कि समिति बैंक की विभिन्न ऋण योजनाओं का लाभ उठाकर नया व्यवसाय आरंभ कर सकती है तथा यह ऋण योजनाएें बहुत ही कम ब्याज दर पर समितियांं को ऋण उपलब्ध करवाती है। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों द्वारा पूछे गये विभिन्न प्रश्नों का समाधान मंच द्वारा किया गया। कार्यक्रम में उदयपुर, राजसमन्द, सलुम्बर, डंगरपुर, चितौडगढ एवं बांसवाडा जिले के 120 से अधिक व्यवस्थापकां ने भाग लिया। मंच संचालन ड़ॉ धर्मेश मोटवानी ने किया। बैंक अधिकारी के.एल. शर्मा, प्रिन्स गहलोत आदि उपस्थित रहे।
