-जुगल कलाल
डूंगरपुर,20 अक्टूबर. राजस्थान की चौरासी विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं, लेकिन भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के भीतर टिकट बंटवारे को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। पार्टी के फाउंडिंग मेंबर और वरिष्ठ नेता पोपट खोखरिया की नाराजगी से बीएपी को बड़ा झटका लग सकता है। उन्होंने पार्टी द्वारा चौरासी सीट के लिए घोषित प्रत्याशी का विरोध करते हुए अपने समर्थकों के साथ बैठक कर आगामी रणनीति पर चर्चा की है। इस स्थिति से न सिर्फ बीएपी के भीतर की कलह उजागर हो रही है, बल्कि डूंगरपुर की राजनीति में भी हलचल मच गई है।
राजकुमार रोत के सांसद बनने के बाद चौरासी में उपचुनाव की नौबत : चौरासी विधानसभा सीट पर उपचुनाव इसलिए हो रहा है क्योंकि 2023 के विधानसभा चुनाव में यहां से चुने गए विधायक राजकुमार रोत 2024 में बांसवाड़ा से सांसद बन गए थे। उनके सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हो गई, और उपचुनाव का ऐलान हुआ। इसी बीच, पार्टी ने इस सीट के लिए अनिल कटारा को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। कटारा वर्तमान में चीखली क्षेत्र के जिला परिषद सदस्य हैं और बीएपी को उम्मीद है कि वह इस सीट को जीत पाएंगे।
पार्टी का टिकट न मिलने से पोपट खोखरिया नाराज : पार्टी के निर्णय के बाद बीएपी के फाउंडिंग मेंबर से जाने वाले पोपट खोखरिया ने अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए पार्टी के इस निर्णय पर असहमति जताई और खुद के लिए टिकट मांगने की बात कही। पोपट खोखरिया के समर्थक बड़ी संख्या में उनके आवास पर इकट्ठा हुए और टिकट बंटवारे में अनदेखी पर आक्रोश प्रकट किया। खोखरिया ने सोशल मीडिया पर लिखा, “बहुत जल्द फैसला लिया जाएगा। कोई भाई मायूस न हो, जोहार।”वही पोपट खोखरिया एवं उनके समर्थकों ने कहा कि बीएपी पार्टी में 2013 से सक्रिय कार्य करता के रूप में पोपट खोखरिया कार्य कर रहे है। इसके बाद भी खोखरिया को टिकट नहीं मिलने से बीएपी कार्यकर्ता में भारी नाराजगी है । वही कहा कि बीएपी से अनिल कटारा को प्रत्याशी बनाया वो 2019 से बीएपी में कार्य कर रहा है। इसको टिकिट देकर आज 2013 से कार्यकर्ता को नजर अंदाज करना उचित नही है। पार्टी के फैसले के खिलाफ पोपट खोखरिया ने रविवार को टेम्बा करावाड़ा में अपने समर्थकों के साथ एक बैठक बुलाई, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। खोखरिया ने एक समिति भी बनाई है, जो बीएपी की केंद्रीय एकीकरण कमेटी से बातचीत करेगी और टिकट बंटवारे के मुद्दे पर उनकी असहमति को सामने रखेगी। यदि इस बातचीत में सकारात्मक नतीजा नहीं आया, तो पोपट खोखरिया के निर्दलीय चुनाव लड़ सकते है या अन्य पार्टी का दामन थामा सकते है।
पार्टी की आंतरिक कलह बढ़ने के आसार : पोपट खोखरिया की नाराजगी ने चौरासी विधानसभा में बीएपी की राजनीतिक स्थिति को मुश्किल में डाल दिया है। खोखरिया ने दावा किया है कि पार्टी के सर्वे में उन्हें जनता का अधिक समर्थन प्राप्त हुआ था और इस आधार पर टिकट उन्हें मिलना चाहिए था। अगर खोखरिया ने बीएपी छोड़कर अन्य पार्टी का दामन थाम लिया, तो यह पार्टी के लिए एक बड़ा नुकसान हो सकता है, खासकर तब, जब चुनाव की तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं।
कांग्रेस-बीजेपी की टिकट दौड़ जारी : बीएपी पार्टी के उम्मीदवार की घोषणा के बाद कोंग्रेस और बीजेपी उम्मीदवार घोषणा हो सकती है। आज चौरासी में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखविंदर सिंह रंधावा कार्यकर्ता की बैठक लेंगे। इसके बाद पार्टी उम्मीदवार की घोषणा करेगी। कांग्रेस मुकेश खाट, महेश रोत, विनोद कटारा या भोगारा परिवार में से किसी एक टिकट मिल सकती है। वही, दुसरी तरफ भाजपा ने उपचुनाव की 6 सीटों पर उम्मीदवारो की घोषणा कर दी है। जबकि चौरासी सीट को लेकर अभी तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। बीजेपी से नानूराम परमार, कारीलाल नानोमा , सुशील कटारा और महेन्द्र बड़जोड़ में से एक को टिकट मिलने की उम्मीद है।