गिराने योग्य चिन्हित 50 स्कूल भवन 2 दिन में ध्वस्त कराने के निर्देश
जर्जरहाल भवनों का किसी भी हालत में नहीं हो उपयोग, सर्वे में बरतें पूर्ण गंभीरता – जिला कलक्टर
उपखण्ड व ग्राम पंचायत स्तरीय समितियां फील्ड में सक्रिय
उदयपुर, 29 जुलाई। वर्षाजनित हादसों पर अंकुश लगा मानव जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने राज्य सरकार के निर्देशानुसार जिला प्रशासन की ओर से प्रारंभ की जा रही जर्जरहाल भवनों, सड़कों, पुलियाओं के सर्वे की विशेष मुहिम को लेकर जिला कलक्टर नमित मेहता ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से बैठक ली। इसमें उन्होंने जिला, उपखण्ड एवं ग्राम पंचायत स्तर पर गठित समितियों को सक्रिय करते हुए पूर्ण गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ सर्वे पूर्ण कराकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने की हिदायत दी।
कलक्ट्रेट मिनी सभागार में आयोजित बैठक में जिला कलक्टर ने संबंधित विभागीय अधिकारियों तथा वीसी के माध्यम से जुड़े सभी एसडीएम, तहसीलदार, विकास अधिकारी, सीबीईओ, बीसीएमएचओ आदि को वर्षा जनित हादसों के प्रति पूर्ण गंभीरता बरतने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि अगले 3 से 4 दिन के भीतर सभी राजकीय भवनों, स्कूल, आंगनवाड़ी, मां-बाड़ी, चिकित्सा संस्थानों, बस स्टैण्ड, यात्री प्रतिक्षालय, विश्रान्ति गृहों,सड़कों, पुलिया-रपट आदि का सर्वे कराकर निर्धारित प्रपत्र में सूचना प्रेषित की जाए। साथ ही गूगल शीट तैयार कर सर्वे से जुड़ी सूचना रोज की रोज अपडेट की जाए। उन्होंने ग्राम स्तर पर पटवारी और ग्राम विकास अधिकारियों को एक्टिव कर उनके माध्यम सेभी सर्वे कराने के निर्देश दिए। बैठक में एडीएम प्रशासन दीपेंद्रसिंह राठौड़, सीईओ रिया डाबी, गिर्वा एसडीएम अवुलासांईकृष्ण, सीडीईओ प्रतिभा गुप्ता, सीएमएचओ डॉ अशोक आदित्य, उपनिदेशक आईसीडीएस नंदलाल मेघवाल, पीडब्ल्यूडी एसई श्री मीणा सहित अधिकारीगण उपस्थित रहे। वहीं जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, विकास अधिकारी तथा ब्लॉक स्तरीय अधिकारीगण वीसी के माध्यम से जुड़े।
जर्जरहाल भवनों को करें सील
जिला कलक्टर ने कहा कि जर्जरहाल भवनों का किसी भी हालत में उपयोग नहीं होना चाहिए, यदि ऐसा पाया गया और किसी प्रकार का हादसा हुआ तो संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि सर्वे में तकनीकी रूप से असुरक्षित पाए जाने वाले भवनों अथवा संबंधित कक्षों को मौके पर ही सील कराया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि किसी भवन की एक विंग में एक या दो कमरे सील करने योग्य हों तो उसके पास वाले कक्ष का भी किसी प्रकार का उपयोग नहीं होना सुनिश्चित किया जाना चाहिए, क्योंकि जर्जर कक्ष में हादसा होगा तो उसका प्रभाव पास वाले कक्ष पर भी होने की पूर्ण संभावना रहती है।
चिन्हित 50 भवन होंगे ध्वस्त
श्री मेहता ने समग्र शिक्षा अभियान के एडीपीसी ननिहालसिंह से गिराने योग्य भवनों के बारे में जानकारी ली। इसमें एडीपीसी ने अवगत कराया कि 50 भवनों को गिराने के प्रस्तावों का अनुमोदन हो चुका है। इसके अलावा कुछ भवन अन्य भी हैं, जो प्रक्रिया में हैं। इस पर जिला कलक्टर ने अनुमोदित सूची में शामिल 50 भवनों को आगामी 2 दिन में ध्वस्त कराकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
हादसों की सूचना पर मौके पर जाएं अधिकारी
कलक्टर ने सभी अधिकारियों को एलर्ट मोड पर रहने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के हादसे की सूचना मिलने पर प्रशासन और संबंधित विभाग का अधिकारी मौके परपहुंचे। प्रकरण की गंभीरता का आंकलन करते हुए तत्काल उच्चाधिकारियों को वस्तुस्थिति से अवगत कराया जाए।
छोटी-मोटी मरम्मत तत्काल सुनिश्चित हो
जिला कलक्टर ने कहा कि सर्वे के दौरान यदि कोई ऐसे भवन पाए जाते हैं, जिनमें छोटी-मोटी मरम्मत की ही आवश्यकता है, तो ऐस कार्यों को संबंधित ग्राम पंचायत अथवा नगर निकाय से समन्वय कर तत्काल पूर्ण कराया जाना चाहिए। उन्होंने सीईओ जिला परिषद के माध्यम से सभी विकास अधिकारियों को भी इसमें सहयोग करने के लिए निर्देशित कराया।
सर्वे होने तक विद्यालय 4 बजे तक खुला रखने के निर्देश
बैठक में कुछ अधिकारियों ने जिला कलक्टर को अवगत कराया कि पंचायत कलस्टर स्तरीय समितियों को क्षेत्र के सभी विद्यालय, आंगनवाड़ी, हॉस्टल, हॉस्पीटल आदि का सर्वे करना है, ऐसे में सर्वे के लिए पहुंचने तक विद्यालय का समय समाप्त होने से स्कूल बंद मिलने की संभावित समस्या रह सकती है। इस पर जिला कलक्टर ने सर्वे होने तक विद्यालय शाम 4 बजे तक खुला रखने तथा संस्थाप्रधान अथवा वरिष्ठतम जिम्मेदार कार्मिक का स्कूल में उपस्थित रहना सुनिश्चित कराने के लिए मुख्य जिला शिक्षाधिकारी को आदेश जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि आदेश में यह स्पष्ट उल्लेख किया जाए कि यह व्यवस्था संबंधित विद्यालय का सर्वे होने तक के लिए ही प्रभावित रहेगी।
यह भी दिए निर्देश
– आपदा राहत के लंबित प्रकरणों को त्वरित रूप से निस्तारित कर संबंधित व्यक्तियों को राहत प्रदान की जाए
– किसी भवन, सडक, पुलिया के जर्जरहाल होने के संबंध में आमजन की शिकायतों को गंभीरता से लेकर तत्काल जांच कराएं