उदयपुर। जिला भाजपा ने उदयपुर शहर से दावेदारों की सूची प्रदेश संगठन को भेजी है। खास बात यह है कि इस में नगर निगम के उप महापौर पारस सिंघवी और डूंगरपुर नगर परिषद के सभापति रहे केके गुप्ता का नाम शामिल नहीं है। जबकि दोनों ही प्रमुख दावेदार हैं तथा टिकट पाने की दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे हैं।
राजस्थान विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही पहली बार उदयपुर शहर से भाजपा प्रत्याशी के लिए कई दावेदार सामने आ रहे हैं। इससे पहले भाजपा के दिग्गज नेता रहे तथा असम के मौजूदा राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया उदयपुर शहर से भाजपा से चुनाव लड़ते रहे। उनके राज्यपाल बनने के बाद पार्टी में कई दावेदार टिकट पाने के लिए रात—दिन एक करे हुए हैं। जिनमें नगर निगम में उप महापौर पारस सिंघवी तथा स्वच्छ भारत अभियान से जुड़े डूंगरपुर नगर परिषद के पूर्व चेयरमैन केके गुप्ता सबसे आगे बताए जा रहे थे। इसके विपरीत शहर जिला भाजपा ने प्रदेश नेतृत्व को प्रमुख दस दावेदारों के नाम भेजे हैं। जिसमें शहर जिलाध्यक्ष खुद रविन्द्र श्रीमाली के अलावा प्रमोद सामर, पूर्व महापौर रजनी डांगी, ताराचंद जैन, दिनेश भट्ट, अलका मूंदड़ा, युधिष्ठिर कुमावत, डॉ. जिनेंद्र शास्त्री, डॉ. किरण जैन के अलावा तख्त सिंह शक्तावत शामिल हैं। बाद में जिला प्रभारी बंशीलाल खटीक के आग्रह पर डॉ. चंद्रगुप्त सिंह चौहान का नाम भी जोड़कर प्रदेश नेतृत्व को भेजा गया।
उप महापौर पारस सिंघवी और केके गुप्ता के अलावा पूर्व पार्षद नानलाल बया, नगर निगम समिति के अध्यक्ष मनोहर चौधरी, कटारिया के रिश्तेदार अतुल चंडालिया, प्रदीप श्रीमाली तथा डॉ. प्रदीप कुमावत भी टिकट के लिए प्रयासरत हैं।
जिला भाजपा ने उदयपुर शहर से दस दावेदारों की सूची भेजी, उप महापौर पारस सिंघवी तथा केके गुप्ता का नाम ही नहीं
