पर्यावरण एवं पशुधन स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए पॉलिथिन का नहीं करें उपयोग पशुओं के लिए भी घातक साबित हो रहा हैं पॉलिथिन
उदयपुर, 09 जून। पोलीथीन पर्यावरण का शत्रु पशुओं के लिए अभिशाप, पशुओं के लिए घातक एवं पर्यावरण विनाशकारी है। यह संबोधन पशुपालन डिप्लोमा कार्यक्रम के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने कहा। इस अवसर पर आयोजित संगोष्ठी में उपनिदेशक डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने कहा कि पशुओं में पोलीथीन खाने में आ जाने से एवं उसका शरीर में पाचन नही होने से पशु को भयंकर आफरा हो जाता हैं एवं उसकी मृत्यु होने की संभावना रहती है। इसका उपचार केवल शल्य क्रिया द्वारा ही संभव है अतः पशुपालकों को चाहिए कि वे पोलीथीन का उपयोग नहीं करें एवं पशु को इसके खाने में आने से भी रोकें। डॉ. सुरेन्द्र छंगाणी ने इस अवसर पर कहा कि दृढ़ संकल्प एवं जन सहभागिता से ही पोलीथीन के उपयोग को रोका जा सकता है व्यक्ति स्वयं इसका उपयोग नहीं करेगा तभी वह दुसरों को इसके उपयोग नही करने के लिए प्रेरित कर पायेगा। पशुपालन डिप्लोमा के विद्यार्थियों ने ष्पॉलिथीन पशुओं के लिए अभिशापष् पत्रक का चेतक चौराहे पर आमजन को वितरित कर उदयपुर शहार को पॉलिथीन मुक्त शहर बनाने के लिये प्रेरित किया। डॉ. पदमा मील एवं डॉ. ओमप्रकाश साहू ने पोलीथीन मुक्त शहर बनाने में आमजन को सहयोग करने के लिये प्रेरित किया।
चेतक चौराहे पर पॉलिथीन पशुओं के लिये अभिशाप लिफलेट का किया वितरण
