उदयपुर, 10 नवम्बर। जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान डाइट, उदयपुर के एजुकेशनल टेक्नोलॉजी प्रभाग द्वारा आज “साइबर सेफ्टी जागरूकता” विषय पर एक व्यापक ऑनलाइन वेबिनार का सफल आयोजन किया। इस महत्वपूर्ण पहल का मुख्य उद्देश्य शिक्षण समुदाय और उनके माध्यम से छात्रों और अभिभावकों को दैनिक जीवन में इंटरनेट के सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग के बारे में शिक्षित करना था।
प्रभारी अधिकारी हरिदत्त शर्मा के अनुसार डाइट प्राचार्य शीला काहाल्या ने अपने उद्घाटन सत्र में प्रौद्योगिकी के वर्तमान परिदृश्य में साइबर सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे हम डिजिटल युग में आगे बढ़ रहे हैं, सुरक्षित ऑनलाइन व्यवहार केवल एक विकल्प नहीं बल्कि एक अनिवार्यता बन गया है। हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारे शैक्षिक समुदाय का प्रत्येक सदस्य सुरक्षित रूप से डिजिटल संसाधनों का लाभ उठा सके।”
साइबर सेफ्टी के व्यावहारिक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए दक्ष प्रशिक्षक चिराग सेनानी ने प्रतिभागियों को ऑनलाइन खतरों की पहचान करने और उनसे बचने के लिए आवश्यक उपकरणों और ज्ञान की जानकारी दी। वार्ता के दौरान उन्होंने ऑनलाइन गोपनीयता सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफार्मों पर व्यक्तिगत जानकारी साझा करते समय बरती जाने वाली सावधानियां के बारे बताया l
साइबर सेफ्टी जागरूकता के प्रशिक्षण में फ़िशिंग और घोटाले ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप के माध्यम से होने वाली धोखाधड़ी के सामान्य संकेतों की पहचान करना। सुरक्षित ब्राउज़िंग सुरक्षित वेबसाइटों की पहचान करना और संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचना। पासवर्ड स्वच्छता मजबूत और अद्वितीय पासवर्ड बनाने का महत्व और उन्हें सुरक्षित रूप से प्रबंधित करना। बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा अभिभावकों के लिए बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों की निगरानी करने और उन्हें साइबर बुलिंग तथा अनुचित सामग्री से बचाने के उपाय पर विस्तृत जानकारी दी गई l
ईटी डिवीजन के प्रभागाध्यक्ष बीना कंवर राजपूत ने सभी प्रतिभागियों को उनके बहुमूल्य समय और सक्रिय भागीदारी के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि विद्यालयों यह वेबिनार डिजिटल जागरूकता को बढ़ावा देने और एक सुरक्षित ऑनलाइन वातावरण बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।तकनीकी सुरक्षा उपायों के अलावा, व्यक्तिगत जागरूकता और जिम्मेदार ऑनलाइन आचरण सुरक्षित डिजिटल जीवन की नींव हैं।
वेबिनार में उदयपुर जिले के 10 ब्लॉक्स के विभिन्न स्कूलों के 150 से अधिक शिक्षकों, प्रधानाचार्यों और ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतिभागियों ने सत्र के दौरान सक्रिय रूप से प्रश्न पूछे, जिससे यह एक इंटरैक्टिव और ज्ञानवर्धक अनुभव बन गया। विशेषज्ञों ने सभी व्यावहारिक प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर दिए, जिससे प्रतिभागियों में ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर आत्मविश्वास बढ़ा।
