उदयपुर, 29 जुलाई। अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर उदयपुर जिले की विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थियों के साथ संवाद एवं जागरूकता कार्यक्रम मंगलवार को जैविक उद्यान सज्जनगढ़ में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के करीब 600 बच्चों ने भाग लिया। प्रारंभ में उप वन संरक्षक वन्यजीव उदयपुर यादवेन्द्र सिंह चुण्डावत ने अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के महत्व एवं बाघ संरक्षण की दिशा में देश में किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस प्रतिवर्ष 29 जुलाई को बाघ संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसकी रक्षा के लिए समर्पित है। इस वर्ष का विषय है भविष्य के लिए दहाड़े, समुदायों को सशक्त बनाएं, बाघों की रक्षा करे. जो समुदाय आधारित संरक्षण की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्य वनसंरक्षक वन्यजीव उदयपुर सेडूराम यादव द्वारा इको सिस्टम में टाईगर के महत्व तथा सरिस्का टाईगर रिजर्व में विभाग द्वारा किये गये प्रयासों को रेखाकिंत किया। विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में एनटीसीए सदस्य राहुल भटनागर एवं सेवानिवृत्त अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक रघुवीर सिंह शेखावत ने बाघ प्रबंधन के क्षेत्र में अपने अनुभवों को साझा किया तथा मेवाड़ क्षेत्र में टाईगर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला।
डब्लूडब्लूएफ के सहयोग से वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ० सतीश शर्मा द्वारा विद्यार्थियों को बाघ आधारित प्रश्नोत्तरी करवायी गयी। कार्यक्रम के बाद सभी विद्यार्थियों को टाईगर ट्रेल पर भ्रमण करवाया गया। कार्यक्रम में सहायक वन संरक्षक सुरभि शर्मा, डब्लूडब्लूएफ प्रतिनिधि अरूण सोनी तथा ग्रीन पीपल सोसायटी से राहुल भटनागर, सेवानिवृत उप वन सरंक्षक फतेह सिंह राठौड़, सुहेल मजबूर, प्रताप सिंह चुण्डावत, लायक अली, प्रहलाद शर्मा, प्रताप सिंह आदि उपस्थित रहे।