उदयपुर। नवल योग सेवा संस्थान की निदेशक व योगाचार्य डॉ. मीना जैन बाबेल ने कहा कि डीप और स्लो ब्रीदिंग जिसे ’डायाफ्रामिक ब्रीदिंग भी कहते हैं, यह शारीरिक व मानसिक दोनों स्तर पर फायदेमंद होने के साथ-साथ एंग्जायटी व डिप्रेशन जैसी अवस्थाओं को दूर करती है व मस्तिष्क में ’डोपामाइन, सेरोटोनिन, एण्डोर्फिन तथा ऑक्सीटोसिन’ जैसे हैप्पी हार्माेन को बढ़ाती है तथा हमारे मानसिक स्वास्थ्य को अधिक बेहतर करती है।
वे आज एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थी। उन्होंने अवसाद व दुष्चिचंता को दूर करने के उपाय बताते हुए कहा कि आरामदायक स्थिति व सुखासन में घुटने को मोड़कर बैठ जाएं। कंधे,गर्दन व कमर को सीधा कर लें व अपना बायां हाथ पसलियों के नीचे पेट पर व दंाया छाती पर रख लें या हाथो को घुटने पर रख कर अनामिका को अंगूठे से दबा कर ज्ञान मुद्रा बना लंे व धीरे-धीरे दोनों नासिका से श्वास भर व पेट को बाहर की और आता हुआ महसूस करें व धीरे-धीरे श्वास छोड़े और पेट को अंदर जाता हुआ महसूस करें। उन्हेांने कहा कि जहंा सामान्य प्रक्रिया से मनुष्य जहां 1 मिनट में 14 से 18 बार सांस लेता हुआ छोड़ता है,वही डीप ब्रीदिंग में आपको तीन या चार बार श्वास लेनी व छोड़नी है। इस तरह पंद्रह मिनट के दो सेट एक दिन में करने से व्यक्त् िअवसाद व दुश्चिंचता को दूर करता है।
डॉ. मीना ने बताया कि इसके अनेक परिणाम व लाभ होते है। कई शोध के अनुसार इस ब्रीथिंग के बाद जब इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राम से जांचा गया तो इसमें अल्फा व थियटा तरंगों में बढ़ोतरी हुई व बीटा तरंगे कम हुई। ये तरंगे हमारी मानसिक अवस्था व मस्तिष्क की भावनात्मक अवस्था को निर्धारित करती है। थियटा तरंगे,गहरी विश्राम व सुषुप्त अवस्था को प्राप्त करती है। अल्फा तरंगें विश्राम व जागृत अवस्था को प्राप्त करती है,जो दोनों ही मानसिक अवस्था के लिए लाभदायक है जबकि बीटा तरंगे नियमित मानसिक क्रियाएं करने वाली,भावनात्मक बाधाओं व तनाव को बढ़ाती है। इसके साथ ही पैरा सिंपैथेटिक तंत्रिका तंत्र भी प्रभावी होने लगता है, अल्फा एवं थियटा तरंगे हमारे मस्तिष्क में हैप्पी हारमोंस, डोपामाइन,सेरोटोनिन,एण्डोर्फिन,
यह सभी परिवर्तनशील अवस्थाएं दर्शाती है कि मस्तिष्क का उच्चतम स्तर व्यक्ति को प्राप्त होने लगा है तथा उसका मानसिक संतुलन और अधिक अच्छा होने लगता है। इसलिए यह श्वास (ब्रीदिंग पैटर्न) सभी लोगों के लिए लाभदायक है।
गहरी(डीप) और मंद (स्लो ब्रीदिंग) श्वास से अवसाद और दुश्चचिंता जैसी स्थितियां होती है दूर
