40 वर्षों बाद मिला मालिकाना हक
उदयपुर 17 मई। राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे प्रशासन गाँवों के संग एवं महंगाई राहत शिविर में एक ओर जहां महंगाई से राहत प्रदान की जा रही है वहीं वर्षों पुराने प्रकरणों का मौके पर निस्तारण कर कई जनापयोगी कार्यों को भी पूरा किया जा रहा है।
ऋषभदेप के ग्राम पंचायत किकावत में आयोजित कैंप में उपखण्ड अधिकारी श्रवण सिंह राठौड के प्रयासों से परिवादी को 40 वर्षों बाद मालिकाना हक दिलाया। विकावत सरपंच चम्पालाल एवं पंचायत समिति सदस्य दिनेश कुमार मीणा, वार्डपंच एवं गाँव मुखिया ने शिविर में अवगत कराया कि करीब 40 वर्षो से पंचायत भवन एवं सेवा केन्द्र बना हुआ है, जबकि यह भूमि पेमा, भगु, रामा, लक्ष्मण, शंकर, हिरा पिता भेरा के परिवार के नाम दर्ज है।
इस पर शिविर प्रभारी श्रवण सिंह राठौड़ ने पटवारी व भू अभिलेख अधिकारी को भेजकर इन परिवारों के सदस्यों को शिविर में बुलाकर जमीन को पंचायत व सेवा केन्द्र के नाम समर्पण हेतु प्रेरित किया। इस पर सभी खातेदारों ने सहमत हो कर 0.0400 हेक्टेयर भूमि समर्पण करने का निर्णय लिया। इस पर शिविर प्रभारी राठौड ने तहसीलदार श्यामसिंह चारण को निर्देशित कर जमीन समर्पण की कार्यवाही करवाई और मौके पर ही जमीन ग्राम पंचायत किकावत व सेवा केन्द्र के नाम दर्ज किया गया।
इसी तरह अन्य प्रकरण में आंगनबाड़ी भवन खुण्टानेरी जो थावरचंद पिता रामा की भूमि पर बना हुआ है। ग्राम पंचायत चिकला के सरपंच ने शिविर में उपस्थित होकर शिविर प्रभारी को इस समस्या से अवगत कराया। इस पर संबंधित पटवारी को बुलाकर यह प्रकरण तैयार करा कर थावरचंद की सहमति से आंगनवाडी हेतु 0.0100 हेक्टेयर भूमि का तहसीलदार की उपस्थिति में समर्पण करवाया।
महंगाई के साथ राहत के साथ निपट रहे है वर्षों पुराने विवाद
