डॉ. गायत्री तिवारी को “पैरेंट चाइल्ड डायडिक सिंक्रोनी (एल.ए.पी.सी.डी.एस.) के प्रयोगशाला मूल्यांकन” हेतु कॉपीराइट

डॉ. गायत्री तिवारी, रिटायर्ड प्रोफेसर-मानव विकास और परिवार अध्ययन विभाग, एम.पी.यू..टी. और डॉ. वी. कविता किरण, सहायक प्रोफेसर-पी.जे.टी.एस..यू.-तेलंगाना ने "पैरेंट चाइल्ड डायडिक सिंक्रोनी (एल..पी.सी.डी.एस.) के प्रयोगशाला मूल्यांकन" के विकास के लिए भारत सरकार से आईपीआर (बौद्धिक संपदा अधिकार) के तहत कॉपीराइट प्राप्त किया। माता-पिता और बालक के बीच संवादात्मक व्यवहार का आकलन करने के लिए जांचकर्ता द्वारा डायडिक सिंक्रोनी इन्वेंटरी विकसित की गई  इस पैमाने में तीन भाग हैं, पैमाने के पहले भाग में हर दिन अलग-अलग माता-पिता-बच्चे के संदर्भ की अवधि और आवृत्ति से संबंधित कथन हैं। पैमाने के दूसरे भाग में माता-पिता द्वारा अपने बालक के साथ तीन अलग-अलग संदर्भों में प्रदर्शित सकारात्मक और नकारात्मक व्यवहार से संबंधित कथन शामिल हैं - नहाना, कपड़े पहनना और खाना। पैमाने के तीसरे भाग में विभिन्न संदर्भों में बालक के सकारात्मक और नकारात्मक व्यवहार शामिल हैं। यह मूल्यांकन पालन-पोषण के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगा, जिसका बालक की मनोवैज्ञानिक स्थिरता और विकास पर स्थायी सकारात्मक प्रभाव हो सकता है।
By Udaipurviews

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