एकलव्य विद्यालयों में बिखरे लोक-संस्कृति के रंग

जनजातीय गौरव वर्ष – 2025
परंपराओं की झलक ने बांधा समा
उदयपुर, 6 नवम्बर। धरती आबा भगवान बिरसा मुण्डा के 150वें जयंती वर्ष के अवसर पर राजस्थान में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसके तहत प्रतिदिन अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को प्रदेशभर के 12 जिलों में संचालित 31 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में जनजातीय संस्कृति और परंपराओं की झलक से भरपूर विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ।

जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री श्री बाबूलाल खराड़ी तथा टीएडी आयुक्त केएल स्वामी के निर्देशन में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में हुए कार्यक्रमों में विद्यार्थियों ने जनजातीय लोकगीतों, नृत्यों और पारंपरिक वेशभूषा के माध्यम से अपनी गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत को जीवंत किया। विद्यालय प्रांगणों में पारंपरिक वाद्ययंत्रों की गूंज और लोकनृत्यों की थिरकन से वातावरण उल्लासमय हो उठा। कार्यक्रमों का उद्देश्य विद्यार्थियों में अपनी जड़ों और संस्कृति के प्रति गर्व की भावना विकसित करना और जनजातीय समाज के योगदान को नई पीढ़ी तक पहुँचाना रहा। इस अवसर पर शिक्षकों एवं अतिथियों ने बिरसा मुंडा सहित जनजातीय नायकों के संघर्ष, त्याग और योगदान को याद करते हुए विद्यार्थियों को प्रेरित किया।

कार्यक्रमों में पारंपरिक गेर, ‘गवरी’, जैसी प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विद्यालयों में प्रदर्शनी के माध्यम से जनजातीय जीवनशैली, कला, हस्तशिल्प और रीति-रिवाजों को भी प्रदर्शित किया गया। जनजातीय गौरव वर्ष के तहत आयोजित ये कार्यक्रम न केवल सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण का संदेश देते हैं बल्कि जनजातीय समाज की एकता, सम्मान और आत्मगौरव की भावना को भी सशक्त बनाते हैं।

गौरतलब है कि जनजातीय गौरव वर्ष पखवाड़े के तहत प्रतिदिन विविध आयोजन हो रहे हैं। शुक्रवार को माणिक्यलाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के तत्वावधान में 6 दिवसीय काष्ठ कला कार्यशाला आयोजित होगी। जनजातीय गौरव दिवस का राज्य स्तरीय मुख्य समारोह 15 नवम्बर को डूंगरपुर जिले में आयोजित होगा।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!