महाराणा सज्जनसिंह की 164वीं जयन्ती मनाई

उदयपुर। मेवाड़ के 72वें एकलिंग दीवान महाराणा सज्जनसिंह जी की 164वीं जयंती महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन की ओर से मनाई गई। सिटी पेलेस म्यूजियम स्थित राय आंगन में उनके चित्र पर माल्यार्पण व पूजा-अर्चना कर मंत्रोच्चारण के साथ दीप प्रज्जवलित किया गया तथा आने वाले पर्यटकों के लिए उनकी ऐतिहासिक जानकारी प्रदर्शित की गई।
महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि महाराणा सज्जनसिंह का जन्म वि.सं.1916, आषाढ़ शुक्ल नवमीं (वर्ष 1859) को हुआ था। महाराणा ने जनकल्याण के कई कार्य किये, राज्य में चिकित्सा से जुडे़ कार्यों का महाराणा ने खूब समर्थन भी किया। पोलिटिकल एजेंट की सिफारिश से रैवरेंड डॉक्टर शेपर्ड को स्कॉटिश मिशन के लिए भूमि प्रदान की थी। यूनाइटेड फ्री चर्च ऑफ स्कॉटिश मिशन ने 1877 में उदयपुर में एक डिस्पेंसरी की स्थापना की। 1881 तक राज्य में सात चिकित्सा संस्थान बन गये थे, जिसने जेल से जुड़ा अस्पताल भी शामिल था। 1881 में महिलाओं के लिए वाल्टर अस्पताल, देवराजेश्वर जी की बाड़ी, भटियानी चोहट्टा, उदयपुर में खोला गया था। महाराणा सज्जन सिंह ने 7 दिसम्बर 1882 को कँवरपदा महल, उदयपुर के पास सज्जन अस्पताल और धानमण्डी, उदयपुर में शेफर्ड मिशन अस्पताल का उद्घाटन किया। राज्य खर्च पर जनहितार्थ में अच्छे स्वास्थ्य के मद्देनजर अस्पतालों में मुक्त दवा और टीकाकरण आदि की सुविधाएं प्रदान की गई।
स्कूली शिक्षा को दिया बढ़ावा
महाराणा विद्याभिरुचि के कारण उसने अपने महल में ‘सज्जन वाणी विलास’ नामक पुस्तकालय स्थापित कर उसे कविराज श्यामलदास के निरीक्षण में रखा। जहाँ संस्कृत, अंग्रेजी, हिन्दी आदि भाषाओं के अच्छे-अच्छे ग्रंथों का संग्रह हुआ। महाराणा सज्जन सिंह ने अपने कार्यकाल में मेवाड़ में स्कूली शिक्षा को बहुत बढ़ावा दिया। महाराणा सज्जन सिंह अपने पिता महाराणा शम्भु सिंह और स्वामी दयानंद सरस्वती जी से प्रेरित होकर अपने राज्य मेवाड़ में 9 राजकीय स्कूल आरम्भ करवाये। उनमें से चार स्कूल उदयपुर नगर में आरम्भ करवाए। उदयपुर के बाद ऋषभदेव, जावर, जहाजपुर, सादड़ी और कोटड़ा में भी स्कूली शिक्षा को बढ़ाते हुए स्कूल आरम्भ करवाये।

By Udaipurviews

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